बाबा महाकाल की हुई विशेष भस्म आरती
Ujjain Baba Mahakal News: सावन के तीन सोमवार निकल चुके है आज चौथा सोमवार है.भगवान शिव के प्रीय सावन सोमवार पर देशभर के शिवालयों में आस्था और विश्वास का सैलाव उमड़ा हआ है.वही उज्जैन में बाबा महाकाल की नगरी की रौनक ही अलग है. प्रातःकाल 2:30 बजे भगवान महाकाल के मंदिर के पट खोले गए. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए. महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही पंडित-पुजारी ने भगवान महाकाल को पंचामृत अभिषेक कर भांग से राजा के रूप में श्रृंगार किया. उसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती हुई.
भस्म आरती में बाबा का दिव्य श्रृंगार
भस्म आरती में जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से महाकाल का राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। भस्म आरती में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए।
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Ujjain Baba Mahakal News: बेलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होगे बाबा
बाबा महाकालेश्वर बैलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. पालकी में भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चन्द्रमोलीश्वर स्वरूप में विराजित रहेंगे और हाथी पर श्री मन महेश, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा नंदी रथ पर, श्री उमा महेश जी के मुखारविंद विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस दौरान घासी जनजातीय घसिया बाजा नृत्य भजन मंडलियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगें.
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ये रहेगा सवारी का रूट्स
महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां मां क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन करने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक पर खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी
Ujjain Baba Mahakal News: इस बार रहेगा ये खास
घसिया और गोंड जनजाति के कलाकार इस बार सवारी में घसिया बाजा की प्रस्तुति देंगे। यह नृत्य शिव की बारात में किए जाने वाले करतब का एक रूप है। जिस तरह शिव की बारात में दानव, मानव, भूत-प्रेत, जानवर शामिल हुए थे, इसी तरह इस नृत्य में भी कलाकार इसका अनुकरण करते हैं।
