अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका जल्द ही नए व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने वाले हैं। यह बयान उन्होंने भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में ओवल ऑफिस में दिया।
भारत पर टैरिफ कम होंगे
ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका धीरे-धीरे भारत पर टैरिफ घटाएगा। उन्होंने कहा, “वे मुझसे अभी प्यार नहीं करते, लेकिन फिर प्यार करने लगेंगे। हमें एक अच्छा सौदा मिल रहा है।” उन्होंने बताया कि भारत पर ऊंचे टैरिफ रूसी तेल की खरीद के कारण लगाए गए थे। अब जब भारत ने रूस से तेल की खरीद बहुत कम कर दी है, तो टैरिफ कम किए जाएंगे। ट्रम्प ने कहा, “हां, हम टैरिफ कम करेंगे।”
मोदी के साथ शानदार संबंध
ट्रम्प ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। इसकी आबादी 1.5 अरब से ज्यादा है। मोदी के साथ हमारे शानदार संबंध हैं और सर्जियो इसे और मजबूत करेंगे।”
उन्होंने बताया कि भारत तेजी से बढ़ता हुआ बाजार और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदार है। राजदूत सर्जियो गोर अमेरिकी निवेश और ऊर्जा निर्यात को बढ़ावा देने, सुरक्षा सहयोग मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
व्यापार समझौते की प्रगति
भारत के कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने 5 नवंबर को कहा था कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत अच्छी गति से चल रही है। हालांकि, कुछ संवेदनशील मुद्दे अभी बाकी हैं।
फरवरी 2025 से चल रही बातचीत का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर हो जाए। अब तक पांच दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें अंतिम दौर 23 अक्टूबर को वर्चुअल तरीके से हुआ।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का इतिहास
अमेरिका ने अब तक भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाए हैं। इसमें 25% रेसीप्रोकल टैरिफ (जैसे को तैसा) 25% पैनल्टी रूस से तेल खरीदने पर टैरिफ 7 अगस्त और पैनल्टी 27 अगस्त से लागू हुई। ट्रम्प ने यह भी कहा कि भारत के तेल खरीद से रूस को आर्थिक लाभ होता है, जो यूक्रेन युद्ध को प्रभावित कर रहा है।
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