trump india trade deal tariff deadline 2025: ट्रंप बोले- भारत से जल्द ट्रेड डील पक्की! नहीं मानी तो लगेगा 26% टैरिफ
trump india trade deal tariff deadline 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को उम्मीद जताई है कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द फाइनल हो सकती है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर भारत तय समय तक सहमत नहीं हुआ, तो 26% टैरिफ फिर से लागू कर दिया जाएगा।
ट्रंप ने कहा – “भारत आमतौर पर किसी भी देश को टैरिफ में बड़ी छूट नहीं देता, लेकिन इस बार की डील अलग होगी और दोनों देशों को इससे लाभ मिलेगा।”
उन्होंने 9 जुलाई को इस डील की डेडलाइन बताया है।
MSME और टैरिफ पर भारत की दो बड़ी शर्तें
भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस डील को लेकर दो बड़ी मांगों पर अडिग है:
- टैरिफ 10% या इससे कम रखा जाए।
- अप्रैल 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया था, जिसे भारत ने पूरी तरह नकार दिया।
- MSME सेक्टर को अमेरिकी बाजार में सहयोग दिया जाए।
- खासतौर पर लेदर, गारमेंट, जेम्स-जूलरी और फार्मा सेक्टर को अमेरिकी बाज़ार में आसान एंट्री मिले।
भारत का सुझाव है कि GSP (Generalized System of Preferences) की तर्ज़ पर भारतीय उत्पादों को फिर से शून्य टैरिफ (Zero Tariff) की श्रेणी में शामिल किया जाए।
2019 तक भारत को GSP के तहत यह छूट मिलती रही थी।
अगर डील नहीं बनी तो 26% टैरिफ लागू
2 अप्रैल 2025 को ट्रंप प्रशासन ने दुनिया के करीब 100 देशों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी।
भारत पर सीधा 26% टैरिफ लगाया गया।
हालांकि, 9 अप्रैल को 90 दिनों की राहत देते हुए टैरिफ को टाल दिया गया ताकि देश बातचीत कर सकें।
लेकिन यदि 9 जुलाई तक कोई समझौता नहीं होता, तो यह 26% टैरिफ दोबारा लागू हो जाएगा।
दोनों देश चाहते हैं 500 अरब डॉलर का व्यापार
इस डील को लेकर दोनों पक्ष इसे 2030 तक प्रस्तावित 500 अरब डॉलर (43 लाख करोड़ रुपये) के द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली कड़ी मान रहे हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फरवरी 2025 में अमेरिका यात्रा के दौरान इस लक्ष्य को लेकर समझौता हुआ था।
- सूत्रों के अनुसार, सितंबर-अक्टूबर 2025 तक डील पर फाइनल हस्ताक्षर हो सकते हैं।
अमेरिका भी व्यापार घाटा घटाना चाहता है
अमेरिका चाहता है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करे।
इसके जवाब में भारत ने कुछ प्रोडक्ट्स पर टैरिफ घटाने की बात मानी है। अब अमेरिका से उम्मीद है कि वह भारतीय MSME को बाजार में अवसर देगा।
जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ट्रंप टैरिफ लागू रहता है, तो अमेरिकी उपभोक्ताओं को 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
डिफेंस डील भी जल्द फाइनल
अमेरिकी रक्षा मंत्री हेगसेथ ने भी भारत के साथ लंबित 10 साल के डिफेंस समझौते को जल्द पूरा करने की उम्मीद जताई है।
उनके मुताबिक:
- भारत को दिए गए अमेरिकी हथियार भारतीय सेना सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है।
- समुद्री सुरक्षा और जॉइंट एक्सरसाइज में दोनों देश लगातार सहयोग कर रहे हैं।
भारत और अमेरिका के बीच यह डील केवल टैरिफ या व्यापार की बात नहीं है, बल्कि यह भविष्य के रणनीतिक साझेदारों की नींव रखती है।
9 जुलाई तक यह देखना अहम होगा कि क्या ट्रंप प्रशासन और भारत एक समझौते पर पहुंचते हैं या फिर भारत को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
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