Train Accident: पश्चिमी बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कंचनजंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए। ट्रेन दुर्घटना में अब तक 15 लोगों की मौत की खबर है। जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पिछले साल ओडिशा में हुए रेल हादसे की तरह ही इस बार भी एक ट्रैक पर दो गाड़ियों के आने से ये हादसा हुआ है।
अब सवाल ये उठता है…की आखिर किसकी गलती की वजह से ऐसा हादसा हुआ है। किन कारणों से दो ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं। आखिर रेलवे का ये सिस्टम कैसे काम करता है।
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दरअसल, रेलवे में हर ट्रेन और उसके रूट के हिसाब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम सेट होता है, जिसकी वजह से हर ट्रेन अलग ट्रैक पर होती है और एक्सीडेंट के कोई चांस नहीं होते।
Train Accident: कैसे काम करता है सिस्टम
रेलवे ट्रेक में इलेक्ट्रिकल सर्किट इंस्टॉल लगाए जाते हैं, और जैसे ही ट्रेन ट्रैक सेक्शन पर आती है तो इस सर्किट के जरिए ट्रेन के आने का पता चलता है। ट्रेन के आने का पता चलने के साथ ही ट्रैक सर्किट इसकी जानकारी आगे फॉरवर्ड करता है, और इसके आधार पर EIC कंट्रोल सिग्नल आदि को कंट्रोल करता है। इसके साथ ही इसी जानकारी के आधार पर ये सूचना दी जाती है कि अब ट्रेन को किस तरफ जाना है।
कंट्रोल रूम से मिलती है कमांड
Train Accident: कंट्रोल रूम के जरिए ही ट्रेन के रूट को तय कर दिया जाता है। दो पटरियों के बीच एक स्विच होता है, जिसकी मदद से दो पटरियां एक दूसरे जुड़ी हुई होती हैं। ऐसे में जब ट्रेन के ट्रैक को बदलना होता है, तो कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी कमांड मिलने के बाद पटरियों पर लगे दोनों स्विच, ट्रेन की मूवमेंट को राइट और लेफ्ट की तरफ मोड़ते हैं और पटरियां चेंज हो जाती हैं।
Train Accident: लेकिन, कई बार टेक्निकल कारणों से या फिर मानवीय गलती की वजह से ट्रैक चेंज नहीं हो पाता है और ट्रेन अलग ट्रैक पर चली जाती है..इसका नतीजा ये होता है कि वो ट्रेन उस ट्रैक पर आ रही ट्रेन से टकरा जाती है। और हादसा हो जाता है।