
Nirmala Sitraman
Budget and Halwa Ceremony: केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना 8 वाँ बजट पेश करने वाली हैं लेकिन हर साल केंद्रीय बजट पेश करने से पहले एक अनोखी और दिलचस्प परंपरा का आयोजन किया जाता है,
जिसे ‘हलवा सेरेमनी’ कहा जाता है l
Budget and Halwa Ceremony: हलवा सेरेमनी बजट से पहले वित्त मंत्रालय और बजट प्रक्रिया से जुड़ेअधिकारियों और कर्मचारियों के लिये खास मौका होता है जिसमे खुद वित्त मंत्री अपने प्रमुख अधिकारीयों के साथ एक बड़ी सी कढ़ाई मे बनते हलवा को हिलती हैं और इस बजट प्रक्रिया मे शामिल सभी लोगों को हलवा परोसती हैं ।
Budget and Halwa Ceremony: हलवा सेरेमनी भारतीय संस्कृति, परंपरा और आधुनिक प्रशासनिक प्रक्रिया का अनोखा संगम है और इस साल का हलवा सेरेमनी शुक्रवार यानी 24 जनवरी को वित्त मंत्रालय के नार्थ ब्लॉक स्तिथ कार्यालय मे मनाया
गया ।
Budget and Halwa Ceremony: हलवा सेरेमनी की परंपरा 1950 के दशक से शुरू की गई यह परंपरा भारतीय प्रशासन में गोपनीयता और अनुशासन का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, यह परंपरा किसने और क्यों शुरू की इसका कोई वास्तविक
रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, लेकिन माना जाता है कि भारतीय परंपरा अनुसार हर अच्छे काम की शुरुआत मीठे से की जाती है इसलिए इस परंपरा की शुरुआत की गई l
Budget and Halwa Ceremony: कुछ लोगों का कहना है की बजट की गोपनीयता को बनाए रखने और इसमें शामिल लोगों के योगदान की तारीफ के लिए इसकी शुरुआत हुई जिसे वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है, जो इस बात को दर्शाता है कि बजट की तैयारियां अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं और बजट की छपाई का कार्य शुरू हो गया है ।
Budget and Halwa Ceremony: इस दौरान वित्त मंत्रालय के कर्मचारी और जो भी इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं, नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में रहकर ही काम करते हैं। इस प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मचारी और अधिकारी 10 दिनों तक बाहरी दुनिया से कटे रहते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों से संपर्क नहीं कर सकते और उन्हें मोबाइल फोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होती। बजट दस्तावेजों की छपाई पूरी होने के बाद ही अधिकारी और कर्मचारी बाहर निकल सकते थे। यह प्रक्रिया वित्त मंत्रालय की ईमानदारी और पारदर्शिता को भी दर्शाती है।
Budget and Halwa Ceremony: कोरोना महामारी के चलते 2022 मे इस परंपरा में थोड़ा बदलाव किया गया था उस साल, हलवा की जगह मिठाई बांटी गई थी, और बजट को डिजिटल रूप से पेश किया गया था। यह पहला मौका था जब बजट की छपाई नहीं हुई थी, और उसे डिजिटल फॉर्म में पेश किया गया था। डिजिटलीकरण के इस युग में, बजट प्रक्रिया में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन हलवा सेरेमनी की परंपरा आज भी कायम है।
Budget and Halwa Ceremony: हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान इसमें बदलाव देखे गए, लेकिन यह परंपरा अभी भी भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी हुई है। 2022 और 2023 में, बजट को डिजिटल रूप से पेश किया गया, जिससे बजट प्रक्रिया और अधिक आसान हो गई है। हालांकि, हलवा सेरेमनी आज भी एक संदेश है कि प्रशासनिक प्रक्रिया भले ही समय के साथ बदल रही हैं, लेकिन पारंपरिक मूल्य अभी भी संरक्षित हैं।