घरेलू निकासी और शेयर बाजार में गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा
भारतीय रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार (4 नवंबर) को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में करीब 2 पैसे की गिरावट आई है। दिन के कारोबार के बाद यह 84.11 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
लगातार 11वें कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट दर्ज की गई। रुपया 31 अक्टूबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.08 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले 17 अक्टूबर को रुपया 84.03 रुपये प्रति डॉलर के उच्च स्तर को छू गया था।
रुपये में यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार से इक्विटी निकासी यानी शेयर बिक्री और अमेरिकी चुनाव की वजह से देखने को मिल रही है। जिससे रुपये के मुकाबले डॉलर का असर और मजबूत हो गया है। सेंसेक्स आज 941 अंक गिर गया। यह 78,782 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी 309 अंक की गिरावट के साथ 23,995 के स्तर पर बंद हुआ था।
कारोबार के दौरान रुपया 84.1225 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर को छू गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 84.1125 पर खुला और कारोबार के दौरान एक समय 84.1225 के निचले स्तर पर पहुंच गया। बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपया अपने सबसे निचले स्तर 84.25 तक पहुंच सकता है।
आयात होगा महंगा: रुपये में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए वस्तुओं का आयात महंगा होने जा रहा है। इसके अलावा विदेश यात्रा और पढ़ाई भी महंगी हो गई है।