नजारा देखते रह गए बाराती और घराती

BRIDE ON MARE RIDING: बेटी-बेटा एक समान इस समानता के भाव को समाज में जागरुक करने के लिए सुरगांव जोशी गांव के किसान ने ऐसी ही एक पहल की है. किसान ने अपनी बेटी को घोड़ी पर चढ़ाकर बारात निकाली. दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर शादी के मंडप में पहुंची.
BRIDE ON MARE RIDING:घोडे पर सवार होकर दुल्हन ने निकाली बारात
सुरगांव जोशी गांव के किसान नानाजी चौधरी की बेटी भाग्यश्री चौधरी की शादी में पूरा गांव बारात का साक्षी बना. पिता नानाजी चौधरी का एक अरमान था कि बेटी की शादी धूमधाम से करें ताकि शादी यादगार हो जाए. बेटी का भी सपना था कि उसकी बारात निकाली जाए और वह घोड़ी पर बैठकर मंडप पहुंचे. पिता ने अपने और बेटी दोनों के सपने को साकार कर दिया. पिता ने अपनी बेटी भाग्यश्री को घोड़ी पर बैठाकर बेटे की तरह सम्मान दिया. भाग्यश्री चौधरी की शादी खंडवा के अजय जिराती के साथ हुई.
BRIDE ON MARE RIDING:बेटा-बेटी एक समान-पिता
पिता नानाजी चौधरी का कहना है कि “बेटा-बेटी हमारे लिए एक ही समान है. अक्सर समाज में कई जगहों पर देखा जाता है कि बेटी के साथ शादी में भेदभाव किया जाता है और बेटे की शादी में खूब पैसा उड़ाया जाता है. लेकिन बदलते समय के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों की सोच बदलती जा रही है.” दुल्हन भाग्यश्री ने बताया कि “मेरे पापा का सपना था कि मैं घोड़ी पर बैठकर जाऊं और मेरा भी यही सपना था. इसमें मेरे परिवार मेरे माता-पिता ने पूरा सहयोग किया.”
BRIDE ON MARE RIDING:समाज में दिया बराबरी का संदेश
दुल्हन के भाई रविंद चौधरी ने बताया कि “हमारे समाज में दुल्हन को घोड़ी नहीं चढ़ाया जाता. सिर्फ दूल्हे ही घोड़ी चढ़ते हैं लेकिन हम लोगों ने भाग्यश्री को बेटे की तरह ही पाला है. वह हमारे परिवार की लाड़ली थी, उसकी भी इच्छा थी की एक लड़के की तरह वह भी घोड़ी पर बैठकर जाए. उसकी इच्छाएं पूरी करने के लिए हमने सब कुछ किया.”