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याचिका निर्भया केस के 12 साल पूरे होने पर दायर की गई
निर्भया गैंगरेप-मर्डर की 12वीं बरसी पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसमें मांग की गई कि दुष्कर्म करने वालों को नपुंसक बनाया जाए। इसके अलावा 20 मांगें की गई हैं, जिनमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाना और कानून में संशोधन करना शामिल है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा, ‘यह मांग बेहद क्रूर है. अदालत ने याचिका पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
महिला वकीलों के निकाय सुप्रीम कोर्ट वूमेन लॉयर्स एसोसिएशन (एससीडब्ल्यूएलए) ने सार्वजनिक इमारतों और स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, ऑनलाइन अश्लील और ओटीटी अश्लील सामग्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
निर्भया से अभया तक कुछ भी नहीं बदला
एससीडब्ल्यूएलए अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पावनी ने कहा कि निर्भया से कोलकाता की आरजी कार रेप-मर्डर पीड़िता तक कुछ भी नहीं बदला है। सड़क से लेकर घर तक महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहा है। निर्भया केस के बाद कानून सख्त किए गए थे लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है। देश तब तक नहीं जागता जब तक बलात्कार के मामले में मीडिया ट्रायल नहीं होता।
उन्होंने नेशनल सेक्स ऑफेंडर्स रजिस्ट्री जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने की मांग की है। इसमें बलात्कारियों का डाटा रखा जाए जिसे सभी महिलाएं पढ़ सकें। रूस, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, तुर्की और आठ अमेरिकी राज्यों सहित कई देशों ने यौन अपराधों के लिए नसबंदी और नसबंदी की आवश्यकता वाले कानून लागू किए हैं।