
supreme court judges News : पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बड़ा कदम, जानकारी वेबसाइट पर होगी अपलोड
supreme court judges News : भारत की न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के सभी न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय 1 अप्रैल को हुई पूर्ण न्यायालय की बैठक में लिया गया, जिसमें सभी 34 न्यायाधीशों ने इस पहल को समर्थन दिया।
संपत्ति का विवरण अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर होगा अपलोड
सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों ने यह निर्णय लिया है कि वे अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करेंगे। यह विवरण सर्वोच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, ताकि जनता को न्यायपालिका के बारे में अधिक जानकारी मिल सके। इसके लिए प्रक्रिया और नियमों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या और संपत्ति की घोषणा
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34 न्यायाधीशों की निर्धारित संख्या है, हालांकि फिलहाल वहां 33 न्यायाधीश कार्यरत हैं, एक पद रिक्त है। सभी कार्यरत न्यायाधीशों ने अपनी संपत्तियों का विवरण अदालत में प्रस्तुत कर दिया है, लेकिन इस विवरण को सार्वजनिक नहीं किया गया था। अब इस जानकारी को सार्वजनिक रूप से साझा करने का यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और जनता के विश्वास को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह कदम क्यों उठाया गया?
यह महत्वपूर्ण कदम दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से नकदी मिलने के विवाद के बाद उठाया गया। 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी, और वहां अग्निशमन दल को आधे जले हुए नोट मिले थे। इस घटना ने न्यायपालिका में पारदर्शिता की आवश्यकता को और भी अधिक उजागर किया।
पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा
न्यायपालिका में पारदर्शिता का यह कदम न्यायधीशों और न्यायपालिका के प्रति जनता के विश्वास को मजबूत करने का उद्देश्य रखता है। जब न्यायधीश अपनी संपत्ति का खुलासा करते हैं, तो यह न केवल उनके प्रति विश्वास को बढ़ाता है, बल्कि इससे न्यायपालिका में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में भी मदद मिलती है।
न्यायपालिका में इस फैसले का महत्व
इस निर्णय के साथ, भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका में पारदर्शिता का एक नया अध्याय शुरू होगा। यह कदम भारत में न्यायपालिका के कामकाज को और भी सशक्त बनाएगा, जिससे आम जनता का न्याय व्यवस्था में विश्वास और मजबूत होगा। इसके अलावा, यह निर्णय अन्य न्यायालयों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा, जिससे वे भी अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करने पर विचार कर सकते हैं।
Supreme Court of India
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करने का यह कदम भारत में न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह निर्णय विशेष रूप से दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से नकदी मिलने की घटना के बाद लिया गया है, जो इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। अब, यह देखना होगा कि इस कदम से न्यायपालिका में क्या बदलाव आते हैं और क्या इससे जनता का विश्वास बढ़ता है।
Click this: लैटस्ट खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करे
Read More : RBI Rules 2025 : 1 मई से ATM से कैश निकालना महंगा होगा