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इंसानों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक भेजने की योजना
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बुधवार को घोषणा की कि भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा। इसे ‘भारत स्पेस स्टेशन’ नाम दिया जाएगा। इसके साथ ही 2040 तक किसी भारतीय को चांद पर भेजने की योजना है।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में डाॅ. सिंह ने कहा कि 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में गगनयान मिशन के तहत पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएगा। इसके अलावा भारत अपने गहरे समुद्र मिशन के तहत 6,000 मीटर की गहराई तक इंसानों को भेजने की योजना बना रहा है।
स्टार्ट-अप में वृद्धि और अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार
जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार स्पेस सेक्टर को मैनेज करने के लिए नए कानून पर काम कर रही है। बीते चार वर्षों में क्षेत्र में सैटेलाइट के निर्माण और प्रक्षेपण में निजी कंपनियों की अहम भूमिका रही है, जिससे काफी सुधार हुआ है।
डॉक्टर। सिंह ने कहा कि 2014 में स्पेस स्टार्ट-अप की संख्या सिर्फ एक थी, अब बढ़कर 266 हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब तक श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से 432 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है, जिनमें से 397 उपग्रह केवल पिछले 10 वर्षों में ही छोड़े गए हैं।
इसके अलावा, सरकार ने अंतरिक्ष विभाग के तहत भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) जैसी सरकारी एजेंसियों का निर्माण किया है, जो निजी संस्थाओं को अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने के लिये प्रोत्साहित, विनियमित और अनुमति देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन
इसरो ने पांच दिसंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रोबा-3 मिशन लॉन्च किया था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के इस मिशन का उद्देश्य दो उपग्रहों- कोरोनाग्राफ और ओकल्टर के जरिए सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है।
इसरो ने पांच दिसंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रोबा-3 मिशन लॉन्च किया था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के इस मिशन का उद्देश्य दो उपग्रहों- कोरोनाग्राफ और ओकल्टर के जरिए सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करना है।
2040 तक अंतरिक्ष में कई बड़ी योजनाएं
डॉक्टर। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के पहले चरण की स्थापना के लिए गगनयान मिशन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा चंद्रयान-4 ने चांद की चट्टानों के नमूने वापस लाने, शुक्र ग्रह का अध्ययन करने और अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान तैयार करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। भारत का लक्ष्य 2047 तक विज्ञान और अंतरिक्ष में वैश्विक नेता बनना है।
गगनयान गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे। यह तीन दिन का मिशन होगा, जिसके तहत अंतरिक्ष यात्रियों की एक टीम को पृथ्वी के 400 किमी से ऊपर की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित समुद्र में उतारा जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब हो जाता है तो ऐसा करने वाला वह चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं।