Side Effects of Hair Highlights: आजकल हेयर हाईलाइटिंग फैशन और पर्सनैलिटी का हिस्सा बन चुका है। महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी अपने बालों को कलर या हाइलाइट कराकर खुद को ट्रेंडी और स्मार्ट दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन ये स्टाइलिंग सिर्फ लुक्स को ही नहीं बदलती, बल्कि बालों की सेहत पर भी गहरा असर डालती है। खासतौर पर अगर हाईलाइटिंग के दौरान केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल हुआ हो, तो बालों को होने वाला नुकसान स्थायी भी हो सकता है।
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आइए जानते हैं बालों को हाइलाइट कराने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और इससे होने वाले नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
हाईलाइटिंग से पहले क्यों सोच-समझकर फैसला लें?
हाईलाइटिंग में आमतौर पर ब्लीच, अमोनिया, पेरॉक्साइड और अन्य स्ट्रॉन्ग केमिकल्स का उपयोग होता है। ये बालों की जड़ों को कमजोर करने से लेकर स्कैल्प पर एलर्जी तक पैदा कर सकते हैं। महंगे सैलून में जाकर स्टाइलिश लुक पाना कुछ वक्त के लिए अच्छा लगता है, लेकिन लंबे समय तक बालों की सेहत को खतरा रहता है। इसलिए कोई भी केमिकल ट्रीटमेंट कराने से पहले उसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
बालों की जड़ें हो सकती हैं कमजोर…
हाइलाइटिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ब्लीच और कलर एजेंट्स बालों की प्राकृतिक मजबूती को खत्म कर देते हैं। इससे बाल झड़ने लगते हैं और समय के साथ गंजेपन की संभावना भी बढ़ जाती है। खासकर तब जब आप बार-बार हाईलाइटिंग कराते हैं।
बालों में ड्राईनेस और बेजान लुक…
हाइलाइटिंग प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स बालों से उनकी प्राकृतिक नमी सोख लेते हैं। इससे बाल रूखे, बेजान और फ्रिजी दिखने लगते हैं। स्कैल्प ड्राय हो जाता है, जिससे डैंड्रफ और खुजली की समस्या भी शुरू हो सकती है।
उपाय: ऐसे में बालों को नियमित रूप से ऑयलिंग, डीप कंडीशनिंग और हेयर सीरम का सहारा देना चाहिए।
स्कैल्प एलर्जी और इरिटेशन…
कई बार लोगों को हाइलाइटिंग के तुरंत बाद या कुछ दिनों के भीतर स्कैल्प पर जलन, खुजली, रेडनेस या रैशेज की शिकायत होती है। ये एलर्जी उस डाई या कलर एजेंट से हो सकती है, जो व्यक्ति की त्वचा के अनुकूल नहीं होता।
सलाह: हाईलाइटिंग से पहले पैच टेस्ट जरूर कराएं और किसी अच्छे स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह लें।
खतरनाक केमिकल्स का असर…
कुछ हेयर कलर्स में P-Phenylenediamine (PPD) जैसे हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो स्किन और आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। साथ ही ये सांस से जुड़ी एलर्जी और स्किन रिएक्शन भी ट्रिगर कर सकते हैं। यदि स्कैल्प पहले से डैमेज हो, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
उम्मीद से अलग या खराब कलर रिजल्ट…
हाइलाइटिंग के बाद कई बार ऐसा होता है कि जो कलर आपने चुना था, वह बिल्कुल अलग नजर आता है। इससे न सिर्फ लुक बिगड़ता है, बल्कि आपको दोबारा हेयर करेक्शन कराने की जरूरत भी पड़ सकती है, जो बालों पर और अधिक स्ट्रेस डालता है।
नतीजा: समय और पैसे दोनों की बर्बादी, और बालों की सेहत पर दोहरा नुकसान।
बालों की ग्रोथ पर असर…
लगातार केमिकल ट्रीटमेंट से बालों की नैचुरल ग्रोथ प्रभावित होती है। बाल पतले हो जाते हैं और उनकी ग्रोथ स्पीड धीमी हो जाती है। बालों में चमक और मजबूती भी कम हो जाती है।
बार-बार टचअप से नुकसान….
एक बार हाईलाइटिंग कराने के बाद उसे मेंटेन रखने के लिए बार-बार टचअप की जरूरत होती है। इससे बार-बार केमिकल्स का उपयोग होता है जो स्कैल्प की सेहत को बिगाड़ सकता है।
कब नहीं करानी चाहिए हाईलाइटिंग?
1. अगर स्कैल्प पर पहले से कोई घाव या खुजली हो
2. आपने अगर हाल ही में कोई स्किन ट्रीटमेंट कराया है
3. अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव है
4. प्रेग्नेंसी के दौरान केमिकल से परहेज करें
सुरक्षित हाईलाइटिंग के लिए टिप्स…
1. हमेशा अमोनिया-फ्री और हर्बल बेस्ड कलर का ही इस्तेमाल करें।
2. किसी अच्छे सैलून से या प्रोफेशनल की देखरेख में हाइलाइटिंग कराएं।
3. केमिकल ट्रीटमेंट के बाद हेयर स्पा और डीप ऑयलिंग जरूर कराएं।
4. हफ्ते में दो बार नारियल या आर्गन ऑयल से बालों की मालिश करें।
5. हेयर वॉश के लिए सल्फेट-फ्री शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
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