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कलयुग के श्रवण कुमार बने दोनों भाई
उत्तरप्रदेश के बंदाय के रहने वाले धीरज और तेजपाल कलयुग के श्रवण कुमार (Shravan Kumar) बनकर अपनी मां राजेश्वरी को टोकरी में बैठाकर चारधाम यात्रा कराने लाए हैं।
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Shravan Kumar फरवरी से निकले हैं यात्रा पर
Shravan Kumar: दोनों भाई Shravan Kumar अपनी 55 वर्षीय मां राजेश्वरी को यमुनात्री की यात्रा करवा चुके हैं और अब उन्हें दूसरे धाम गंगोत्री की यात्रा पर लेकर निकले हैं। दोनों का कहना है कि मां-बाप बोझ नहीं होते, उनकी सेवा करनी चाहिए। लोग उनसे प्रेरित हों, इस उद्देश्य से उन्होंन यात्रा शुरू की है।
पिता की मौत हो गई थी
Shravan Kumar : 24 वर्षीय धीरज और 18 वर्षीय तेजपाल दोनों भाई पिछले करीब 20-25 वर्षों से हिमाचल प्रदेश की तहसील बद्दी के मंधाला गांव में रहते हैं। जब वह छोटे थे तो बीमारी के चलते उनके पिता भगवान दास की मौत हो गई थी।
इस यात्रा का नाम उन्होंने चारधाम श्रवण यात्रा रखा है। बताया कि दोनों भाई के साथ पिछले कई वर्षों से हरिद्वार में कांवड़ भरने आते रहे हैं। वहां उन्हें हर साल एक व्यक्ति मिलता था जो अपनी मां को कंध पर उठाकर यात्रा करवाता था। तेजपाल ने बताया कि वह प्रेरणा लेकर वह भी अपने भाई के साथ मिलकर अपनी मां को चारधाम यात्रा करवाने निकले हैं।
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फरवरी का यात्रा शुरू करने के बाद से अभी तक वह अपनी मां की मनसा देवी, नीलकंठ, वीरभद्र, सरकंडा माता मंदिर की पैदल यात्रा करवा चुके हैं।
चारधाम यात्रा के लिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भक्तों की बढ़ती भीड़ से प्रशासन के हाथ पैर फूल गए है…और तीर्थ स्थल पर व्यवस्ता बनाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है. भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक लगा दी है.साथ ही मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में रील और वीडियों बनाने पर भी पावंदी लगा दी है.
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मंदिरों में वीडियो या रील्स नहीं बना सकेंगे
उत्तरकाशी से गंगोत्री के 99 किमी और बरकोट से यमुनोत्री के 46 किमी रूट पर करीब 3 हजार गाड़ियां 12 से 20 घंटे तक ट्रैफिक में फंसी रहीं। सबसे ज्यादा समस्या यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ के पास बनी हुई है। इससे पहले, चार धामों में वीडियो शूट पर आ रही आपत्तियों को लेकर राज्य सरकार का रुख 5 घंटे में दो बार बदला। सरकार ने मंदिरों के 200 मीटर के दायरे में वीडियो या रील्स नहीं बना सकेंगे। इसके बाद जो आदेश आया, उसमें 200 मीटर दायरे की जगह 50 मीटर लिखा गया।