बाबा महाकाल भक्तों को देंगे तांडव स्वरुप में दर्शन

Shivnavratri 2025: इसके पश्चात पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन संपन्न किया।
बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार
बाबा महाकाल के मस्तक पर वैष्णव तिलक, त्रिपुंड, रुद्राक्ष की माला, भांग और चंदन अर्पित कर उनका भव्य श्रृंगार किया गया। भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को आभूषण अर्पित किए गए। भस्म अर्पित कर कपूर आरती की गई और नैवेद्य अर्पित किया गया।मस्तक पर चंदन का तिलक, सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट, रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला अर्पित की गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाने के बाद भस्म आरती संपन्न हुई।
भक्तों ने किए बाबा के दर्शन
भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करने के साथ ही आरती विधिवत पूर्ण हुई।
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महाकाल तांडव स्वरुप में देंगे दर्शन
शिवनवरात्रि के आठवें दिन भगवान महाकाल शिव तांडव रूप में दर्शन देते हैं. इस दिन भगवान महाकाल का रौद्र रूप भक्तों को देखने को मिलता है. इस दिन भगवान महाकाल अपने भक्तों को शिव तांडव रूप में दर्शन देते हैं.यह श्रृंगार इतना मनमोहक होता है कि जो भी इसके दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती हैं.
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शिवनवरात्रि के आखिरी दिन:
इस दिन महाकाल को दूल्हे के रूप में सजाया जाता है.
कई क्विंटल फूलों का सेहरा बाबा को पहनाया जाता है.
महाशिवरात्रि के अगले दिन शिव विवाह का समापन किया जाता है.
Shivnavratri 2025: शिवनवरात्रि के दौरान:
भगवान महाकाल को हल्दी और मेहंदी लगाई जाती है.
पूजन, अभिषेक और अनुष्ठान का दौर चलता है.
भगवान महाकाल को मुखारविन्द एवं आभूषण, नये वस्त्र धारण कराए जाते हैं.