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शारदा सिन्हा का निधन: बिहार ने खोया अपनी लोकगायिका कोकिला, छठ पूजा के पहले दिन ली आखिरी सांस
Sharda Sinha Death News: बिहार की लोकगायिका और पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के AIIMS अस्पताल में रात 9:20 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन के साथ ही लोकगीतों के क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया। बिहार में छठ पूजा के गीतों की जान मानी जाने वाली शारदा सिन्हा ने छठ के पहले दिन नहाय-खाय के अवसर पर दुनिया को अलविदा कह दिया। वे पिछले एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं और लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं।
Sharda Sinha Death News:बेटे अंशुमन ने दी थी गंभीर हालत की जानकारी
Sharda Sinha Death News: शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने 5 नवंबर को बताया था कि उनकी मां की तबीयत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने मीडिया से कहा था कि उनकी मां ICU में हैं और डॉक्टर्स उनकी हालत को सुधारने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। बेटे को पूरी उम्मीद थी कि उनकी मां ठीक हो जाएंगी। अंशुमन ने लोगों से भी उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करने की अपील की थी।
Sharda Sinha Death News: 2017 से कैंसर से जूझ रही थीं शारदा सिन्हा
Sharda Sinha Death News: शारदा सिन्हा 2017 से ब्लड कैंसर की एक गंभीर बीमारी मल्टिपल माइलोमा से जूझ रही थीं। बेटे अंशुमन ने हाल ही में एक वीडियो के जरिए बताया था कि उनकी मां की तबीयत काफी खराब है, लेकिन उन्होंने यह बात सभी से छुपाई क्योंकि उन्हें अपनी तकलीफों को सभी के साथ साझा करना पसंद नहीं था। उनका मानना था कि वे अपने गानों के माध्यम से अपनी पहचान बनाए रखेंगी, भले ही उन्हें किस प्रकार की बीमारी हो।
Sharda Sinha Death News: पति के निधन के बाद और भी बिगड़ी हालत
अंशुमन ने बताया कि उनकी मां की तबीयत उनके पति के निधन के बाद और भी ज्यादा बिगड़ गई। पति के जाने का सदमा शारदा जी के लिए बहुत भारी रहा और इसने उनके मनोबल को तोड़कर रख दिया। इस सदमे के बाद से उनकी हालत ज्यादा खराब होने लगी।
लोकगीतों की पहचान: पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित
शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली, और हिंदी में कई लोकप्रिय लोकगीत गाए। उन्होंने सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के गानों में भी अपनी आवाज दी। उनकी संगीत साधना को मान्यता देते हुए उन्हें 1991 में ‘पद्मश्री’ और 2018 में ‘पद्म भूषण’ से नवाजा गया।
शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनके गीतों की गूंज हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। विशेषकर छठ पूजा के समय उनका गाया हुआ हर गीत घाटों पर गूंजता रहेगा और उनकी यादें ताजा करता रहेगा।