
समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर
Sever Central Jail Literacy Campaign: राजस्थान के भरतपुर जिले की सेवर सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए एक नई राह खुली है। जेल प्रशासन ने अपराधियों को सुधारने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है, जो न केवल उन्हें शिक्षा से जोड़ रही है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर भी प्रदान कर रही है।
कैदियों के लिए साक्षरता अभियान
सेवर सेंट्रल जेल में, पुलिस अधीक्षक परमजीत सिंह के नेतृत्व में एक साक्षरता अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य निरक्षर कैदियों को पढ़ाई-लिखाई का ज्ञान देना है। इस अभियान के तहत कैदियों को हस्ताक्षर करना, किताबें पढ़ना और समाचार पत्रों को समझना सिखाया जाता है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक कैदियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) के माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
शिक्षा के प्रभाव(Sever Central Jail Literacy Campaign)
इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि जेल प्रशासन ने शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ऐसे कैदियों को शिक्षक नियुक्त किया है, जिन्होंने जेल में रहते हुए शिक्षा हासिल की है। इन कैदियों को विशेष रूप से शिक्षण के लिए तैयार किया गया है और उन्हें अध्ययन सामग्री, किताबें और अन्य संसाधन प्रदान किए गए हैं। इस पहल का परिणाम यह है कि शिक्षा प्राप्त करने वाले कैदियों को न केवल आत्मनिर्भरता मिल रही है, बल्कि उन्हें आत्मसंतुष्टि और समाज में सम्मान भी महसूस हो रहा है।
‘साक्षरता बैरक’ का निर्माण
जेल में एक विशेष बैरक नंबर 4 को ‘साक्षरता बैरक’ के रूप में स्थापित किया गया है, जहां केवल निरक्षर कैदियों को रखा जाता है। इस बैरक में ऐसे सभी कैदियों को रखा जाता है जो पढ़ना, लिखना और हस्ताक्षर करना सीख रहे हैं। जब तक कोई कैदी स्वतंत्र रूप से यह कौशल हासिल नहीं कर लेता, तब तक उसे इसी बैरक में रखा जाता है।
सफलता की ओर कदम बढ़ाते कैदी
पिछले साल 550 कैदियों को शिक्षित किया गया था, और इस साल इस संख्या को और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। शिक्षा प्राप्त करने वाले कैदियों में छोटे-मोटे अपराधों के अलावा हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर मामलों के दोषी भी शामिल हैं।
Sever Central Jail Literacy Campaign: समाज में बदलाव का संदेश
इस पहल का उद्देश्य न केवल कैदियों के जीवन को सुधारना है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि सुधार की राह हमेशा खुली रहती है। जेल में शिक्षा की यह लौ अब कैदियों के जीवन में नया उजाला ला रही है, जिससे वे न केवल सुधारित हो रहे हैं, बल्कि उन्हें समाज में फिर से सम्मानजनक स्थान पाने का अवसर भी मिल रहा है।
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राजस्थान की सेवर सेंट्रल जेल में चलाए जा रहे इस साक्षरता अभियान ने यह सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा किसी भी व्यक्ति का जीवन बदल सकती है, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो। इस अभियान के माध्यम से जेल प्रशासन कैदियों को एक नई दिशा दे रहा है, जिससे वे न केवल अपराध से बाहर निकलने में सक्षम हो रहे हैं, बल्कि एक बेहतर और सम्मानजनक जीवन की ओर भी बढ़ रहे हैं।
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