सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में एक राजमार्ग के बगल में बने एक घर को बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए बुलडोजर से ढहाने के लिए सोमवार को योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाई. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप इस तरह लोगों के घरों को कैसे ध्वस्त करना शुरू कर सकते हैं? आप रातोंरात किसी का घर नहीं तोड़ सकते। यह अराजकता है।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर अवैध घरों को गिराने के आरोपों की तुरंत जांच करें और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय और प्रशासनिक कानूनी कार्रवाई करें। अदालत ने याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 2020 में स्वत: संज्ञान पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका मनोज टिबरेवाल ने दायर की है। 2019 में महाराजगंज में उनका घर गिरा दिया गया था।
यूपी सरकार ने अदालत को बताया था कि याचिकाकर्ता ने 3.7 वर्ग मीटर का अतिक्रमण किया था। इस पर कोर्ट ने कहा, ‘लेकिन आप इस तरह से लोगों के घरों को पूरी तरह से कैसे ध्वस्त कर सकते हैं? बिना नोटिस दिए किसी के घर में घुसकर उसे तोड़ना गैरकानूनी है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। यह मुआवजा अंतरिम है। अदालत ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच करने और अवैध विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि राज्य अवैध कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के लिए भी स्वतंत्र है।