
Saurabh Sharma Bail:
Saurabh Sharma Bail: खबर राजधानी भोपाल से है जहां मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के करोड़पति पूर्व आरक्षक सौऱभ शर्मा की जमानत मिलने को लेकर कांग्रेस ने विरोध किया… बतादें कि कांग्रेस ने लोकायुक्त को भंग करने की मांग की है। साथ ही प्रदेश में खुलेआम भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है।
इतना ही नहीं कांग्रेस ने कहा कि दिल्ली के डिप्टी सीएम को 9 महीने जमानत नहीं मिलती लेकिन एक पूर्व आरक्षक जो भ्रष्टाचार में रंगे हाथों पकड़ा गया है उसे जमानत मिल गई ये कैसा न्याय।
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जानकारी के लिए बतादें कि कांग्रेस के मीडिया प्रभारी अध्यक्ष मुकेश नायक ने प्रेस कॉनफ्रेंस की थी… इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में खुलेआम भ्रष्टाचार चल रहा है… जिन अधिकारियों के कारण चलान पेश नहीं हुआ उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। लोकायुक्त तुरंत भंग कर दूसरी संस्था बननी चाहिए … जिससे सही तरह से जांच हो सके।
Saurabh Sharma Bail: कांग्रेस के सवाल…
उन्होंने कहा कि दिल्ली के डिप्टी सीएम को 6 महीने जमानत नहीं मिलती,लेकिन एक पूर्व कांस्टेबल जो भ्रष्टाचार में रंगे हाथों पकड़ा गया उसे जमानत मिल गई। बीजेपी ने जनता की आंखों में धूल झोंकने में लगी हुई है। हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि 60 दिन में चलान पेश क्यों नहीं किया। जांच के बीच में लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद को क्यों हटाया गया। भ्रष्टाचार के मामले में 576 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति क्यों नहीं दे रही है।
लोकायुक्त पहरेदार की बजाय हिस्सेदार हो गई- मुकेश नायक
मीडिया प्रभारी ने आगे कहा कि लोकायुक्त पहरेदार की जगह हिस्सेदार हो गई। ऐसी संस्था की भंग कर देना चाहिए… जो भ्रष्टाचार में शामिल हो गई है। सौऱभ शर्मा मामले की जांच HC की निगरानी में होना चाहिए।
PCC कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने फूंका पुतला
तो वहीं कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि 60 दिन में चलान लोकायुक्त ने पेश नहीं कर पाई। बतादें कि सौरभ के जमानत को लेकर कांग्रेस ने लोकायुक्त का पुतला जलाया…साथ ही पुलिस ने पुतला छीनने के समय धक्कामुक्की भी हुई।
IT और ED में दर्ज मामलों में जेल में री रहेंगे
Saurabh Sharma Bail: जानकारी के लिए बतादें कि 55 किलो सोना औऱ 10 करोड़ कैश कांड मामले में सौरभ शर्मा और उसके साथी शरद जायसवाल,चेतन गौर को लोकायुक्त ने हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया,जहां लोकायुक्त को आरोपियों की रिमांड दी गई थी। लेकिन बतादें कि आरोपियों को जमानत केवल लोकायुक्त में दर्ज मामलों में दी गई है…ED और IT में दर्ज मामलों में तीनों आरोपी फिलहाल जेल में ही रहेंगे।