वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार..
भारत को बड़े और वर्ल्ड क्लास बैंकों की जरूरत है और सरकार इसे संभव बनाने के लिए आरबीआई से बाचतीत कर रही है. गुरुवार को 12वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉनक्लेव में उन्होंने यह कहते हुए सरकारी बैंकों के विलय की ओर इशारा किया. वित्त मंत्री ने कहा, कि भारत बहुत सारे बड़े व विश्व स्तरीय बैंकों की जरूरत है. इसके लिए हमें आरबीआई और संबंधित बैंकों के साथ यह भी देखना होगा कि आरबीआई के पास बड़े बैंक खड़े करने के लिए क्या योजना हैं और बैंकों के कंसोलिडेशन के बारे में कुछ भी बोलने से पहले बहुत सारी चीजें करनी होंगी, और यह काम शुरू हो भी चुका है और बैंक और आरबीआई के साथ बात ज़ारी है .

बड़े बैंक बनाने का सिर्फ यही तरीका नहीं..
हालांकि, वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बड़े बैंक बनाने का सिर्फ यही तरीका नहीं है कि सभी मौजूद छोटे बैंकों को एक साथ मिला दिया जाए. बकौल वित्त मंत्री, बैंकों को सिर्फ मिला देने से ज्यादा उनके बढ़ने और विकास करने के लिए माहौल बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा माहौल है लेकिन वह चाहती हैं कि यह और डायनेमिक हो.
बैंकों का विलय
बड़े और मजबूत बैंक बनाने के लिए सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई बैंकों का आपस में विलय किया है. अब तक दो बड़े विलयों में बैंक कंसोलिडेशन किया जा चुका है. अगस्त 2019 में सरकार ने चार बड़े बैंकों के मर्जर की घोषणा की थी, जिससे 2017 में जहां 27 सरकारी बैंक थे, अब उनकी संख्या घटकर सिर्फ 12 रह गई.

1 अप्रैल 2020 से यह विलय लागू हुआ.
इसमें
- यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) को पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में मिला दिया गया.
- सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) को कैनरा बैंक (Canara Bank) में,
- इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) को इंडियन बैंक (Indian Bank) में,
- आंध्रा बैंक (Andhra Bank) तथा कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में मिला दिया गया था.
इससे पहले 2019 में …
देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) का बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) में विलय हुआ था.
2017 में…
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) को मजबूत बनाने के लिए उसकी पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक (Bharatiya Mahila Bank) को उसमें मिला दिया था.
आईडीबीआई का निजीकरण
इसके अलावा,
जनवरी 2019 में….
सरकार ने जनवरी 2019 में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को बेच दी थी. बाद में सरकार और एलआईसी ने मिलकर इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को और बेचने की योजना बनाई.
अक्टूबर 2022 में….
सरकार और एलआईसी ने मिलकर निवेशकों से आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के लिए प्रस्ताव (Expression of Interest) मांगे. इस योजना के तहत कुल 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बात कही गई थी, जिसमें सरकार की 30.48 फीसदी और एलआईसी की 30.24 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है.

भविष्य के विलय की योजना
सरकार कई सरकारी बैंकों के विलय पर विचार कर रही है। इन योजनाओं में…
- यूनियन बैंक ऑफ इंडियाऔर बैंक ऑफ इंडिया को मिलाना,
- इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का विलय करना शामिल हो सकता है.
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