डॉलर के मुक़ाबले रूपया अपने अब तक के निचले स्तर पर आ गया है ओर यह 84.09 रुपये प्रति डॉलर की कीमत पर है इससे पहले यह 8 अगस्त को 83.99 रुपये प्रति डॉलर था जो इसका अब तक का सबसे न्यूनतम मूल्य था I एक रिपोर्ट के अनुसार रुपये की गिरावट का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजाऱ में निवेशकों की बिकवाली, क्रूड ऑइल के बढ़ते दाम, ओर ईरान इजराइल की बीच युद्ध की स्थिति है I
एक्सपर्टस की माने तो आने वाले दिनों मे रुपये के मूल्य में और गिरावट देखी जा सकती है और इस गिरावट का मतलब भारत के लिये import महँगा होना, भारतियों का विदेश मे खर्चा और पढ़ाई दोनों महँगा होना, और सबसे ज़्यादा असर IT कंपनीज पर होना तय है I
रुपये की कीमत डॉलर की तुलना मे कान होना या गिरना देश के पास foreign करेंसी reserve से तय होता है जिससे वह अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन करता है अगर भारत के फॉरेन रिज़र्व मे अमेरिकी डॉलर की संख्या कम होगी तो रुपया कमजोर होगा और अगर ज़्यादा होगी तो रूपया मजबूत होगा I ज्ञात रहे की दुनिया मे करीब 85 प्रतिशत व्यापार और करीब 35 प्रतिशत ऋण अमेरिकी डॉलर मे दिया जाता है क्योंकि इसे दुनिया मे बाकी करेंसीयों मे एक स्थिर और सुरक्षित करेंसी माना जाता है I