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रीतिका हुड्डा 72 किलोग्राम से ऊपर 76 किलोग्राम भार वर्ग में खेल रही है
Reetika Hooda: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की नजरें एक बार फिर से wrestler में पदक जीतने पर टिकी हैं। इस बार भारत की आखिरी उम्मीद के रूप में Reetika Hooda मैदान में उतरी हैं। रीतिका ने अपने दमदार प्रदर्शन और असाधारण क्षमता से भारतीय कुश्ती जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
रीतिका हुड्डा: एक उभरती हुई स्टार
रीतिका हुड्डा ने कम समय में ही खुद को एक सक्षम और प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे वह पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की पदक की उम्मीद बनी हैं।
हंगरी की बर्नडेट नेगी से मुकाबला
शनिवार को दोपहर 2:30 बजे रीतिका का सामना Hungary की बर्नडेट नेगी से होगा। नेगी एक अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने यूरोपीय चैंपियनशिप में दो बार Bronze Medal जीते हैं। यह मुकाबला रीतिका के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि नेगी का अनुभव और उनकी कुश्ती की शैली काफी प्रभावशाली है।
ओलंपिक में कुश्ती की महत्वता
ओलंपिक में कुश्ती हमेशा से भारत के लिए पदक जीतने का एक प्रमुख खेल रहा है। भारतीय पहलवानों ने पिछले कई ओलंपिक खेलों में देश के लिए गर्व का क्षण प्रदान किया है। Winning medal न केवल खिलाड़ी के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात होती है, और इस बार रीतिका हुड्डा से सभी को यही उम्मीद है।
रीतिका की तैयारी
पेरिस ओलंपिक के लिए रीतिका ने अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने अपने कोचों के साथ कठिन परिश्रम किया है और हर दिन अपनी क्षमता को निखारा है। उनकी फिटनेस और मानसिक स्थिरता उन्हें इस मुकाबले में एक मजबूत दावेदार बनाती हैं।
भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें
भारत में करोड़ों कुश्ती प्रेमी रीतिका के इस महत्वपूर्ण मुकाबले को लेकर उत्साहित हैं। reetika hooda का यह मुकाबला न केवल उनके करियर के लिए, बल्कि भारतीय कुश्ती के लिए भी एक निर्णायक क्षण हो सकता है। सभी की निगाहें इस मुकाबले पर टिकी हैं और हर कोई उनके जीतने की कामना कर रहा है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में रीतिका हुड्डा भारत की आखिरी उम्मीद के रूप में मैदान में हैं। हंगरी की बर्नडेट नेगी के खिलाफ उनका मुकाबला कड़ा होगा, लेकिन रीतिका ने अपने प्रयासों से यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं। पूरे देश की दुआएं उनके साथ हैं, और सभी को उम्मीद है कि वह भारत के लिए एक और olympic medals जीतकर लौटेंगी।