रिपोर्ट आकाश गोहिल
Raksha Bandhan News: रायसेन जिले के बेगमगंज बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है। प्यार के दो तार से संसार बाँधा है। सुमन कल्याणपुर द्वारा गाया गया यह गाना रक्षाबंधन का बेहद चर्चित गाना है। भले ही ये गाना बहुत पुराना न हो पर भाई की कलाई पर राखी बाँधने का सिलसिला बेहद प्राचीन है। रक्षाबंधन का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ है। वह भी तब जब आर्य समाज में सभ्यता की रचना की शुरुआत मात्र हुई थी।

हर्षोल्लास के साथ मनाया रक्षाबंधन का पर्व
रक्षाबंधन पर्व पर जहाँ बहनों को भाइयों की कलाई में रक्षा का धागा बाँधने का बेसब्री से इंतजार रहता है। वहीं दूर-दराज बसे भाइयों को भी इस बात का इंतजार रहता है कि उनकी बहना उन्हें राखी भेजे। जहां शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भाई अपनी बहनों को ससुराल से पीहर लेकर आए और हर्षोल्लास के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया। वही जिला जेल रायसेन औल बेगमगंज में किसी ने किसी अपराध में उप जेल में निरुद्ध बंदियों को उनकी बहनें जब जेल में राखी बांधने पहुंची तो माहौल गमगीन हो गया।

Raksha Bandhan News:जेल में राखी का त्यौहार
दूर दराज से आयीं बहनों ने जेल में भाइयों के हाथ फर राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराया और उनकी लंबी आयु की कामना की, साथ ही अपनी सुरक्षा का नहीं बल्कि भाइयों से अपराध ना करने का वचन के साथ साथ बुरे काम नहीं करने और माता बहनों की रक्षा करने सुरक्षा करने और उनकी इज्जत मान मर्यादा का ध्यान रखने की सौगंध भी ली। इस समय बहने अपने आंसू नहीं रोक पायीं जिन्हें देखकर भाई भी रोने लगे वहीं जेल स्टाफ की आंखों में भी आंसू आ गए।
Raksha Bandhan News:जेल में बंदियो को मिली खुशी
इस पवित्र त्यौहार को मनाने पर जेल में बंदियो को खुशी का एहसास भी हुआ। बेगमगंज उप जेल में 48 बंदी है जिनकी बहनें किसी कारण उन्हें राखी बांधने नहीं आ पाई मुंह बोली बहनों ने उन्हें राखी बांधी। इतिहास के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत की उत्पत्ति लगभग 6 हजार साल पहले बताई गई है। इसके कई साक्ष्य भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं।
काफी समय से चलती रही है राखी
रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं। मध्यकालीन युग में राजपूत व मुस्लिमों शासकों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थीं। उस दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूँ को राखी भेजी थी। तब हुमायूँ ने उनकी रक्षा कर उन्हें बहन का दर्जा दिया था। दूसरा उदाहरण अलेक्जेंडर व पुरू के बीच का माना जाता है। कहा जाता है कि हमेशा विजयी रहने वाला अलेक्जेंडर भारतीय राजा पुरू की प्रखरता से काफी विचलित हुआ। इससे अलेक्जेंडर की पत्नी काफी तनाव में आ गईं थीं।
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Raksha Bandhan News: इस तरह हुई राखी की शुरुवात
उसने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुना था। सो, उन्होंने भारतीय राजा पुरू को राखी भेजी। तब जाकर युद्ध की स्थिति समाप्त हुई थी। क्योंकि भारतीय राजा पुरू ने अलेक्जेंडर की पत्नी को बहन मान लिया था।इतिहास का एक अन्य महत्वपूर्ण और चर्चित उदाहरण श्रीकृष्ण व द्रोपदी को माना जाता है। श्रीकृष्ण ने दुष्ट राजा शिशुपाल को मारा था। युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण के बाएँ हाथ की अँगुली से खून बह रहा था। इसे देखकर द्रोपदी बेहद दुखी हुईं और उन्होंने अपनी साड़ी का टुकड़ा चीरकर श्रीकृष्ण की अँगुली में बाँधा जिससे उनका खून बहना बंद हो गया।
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भाईचारा का सन्देश
वर्षों बाद जब पांडव द्रोपदी को जुए में हार गए थे और भरी सभा में उनका चीरहरण हो रहा था तब श्रीकृष्ण ने द्रोपदी की लाज बचाई थी। राखी का यह पवित्र त्यौहार आज भी सभी समाजों में कहीं ना कहीं विद्यमान है जहां मुस्लिम बहनें हिंदू भाइयों को राखी बांधती नजर आती हैं वही हिंदू बहने भी मुस्लिम भाइयों को राखी बांधने पहुंचती हैं यही हमारे शहर की गंगा जमुनी परंपरा बरसों से कायम है और आगे भी रहेगी। वहीं जिन बहनों के भाई सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं उन्हें बहनों ने डाक के जरिए राखी भेजकर अपना कर्तव्य पूरा किया
