
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में का किया ऐलान
women reservation: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में महिला यात्रियों के लिए रेलवे में आरक्षण कोटा की जानकारी दी। 1989 के रेलवे अधिनियम के तहत, लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में महिला यात्रियों के लिए विशेष बर्थ आरक्षित करने का प्रावधान है।
महिला यात्रियों के लिए आरक्षित बर्थ
रेल मंत्री के अनुसार, रेलवे अधिनियम की धारा 58 के तहत लंबी दूरी की मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर क्लास और 3 एसी क्लास में महिला यात्रियों के लिए छह बर्थ आरक्षित किए जाते हैं। ये बर्थ किसी भी आयु वर्ग की महिला यात्रियों के लिए होती हैं, चाहे वे युवा हों या बुजुर्ग। इसके अलावा, शयनयान श्रेणी में प्रति कोच छह से सात लोअर बर्थ और 3 एसी में चार से पांच लोअर बर्थ भी आरक्षित की जाती हैं, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं के लिए।
महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं
रेलवे मंत्री ने यह भी बताया कि लंबी दूरी की अधिकांश मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी-सह-सामान-सह-गार्ड के कोच (एसएलआर) में महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही, रेल मंत्रालय ने यह भी कहा कि ईएमयू (इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) और डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) जैसी ट्रेनों में महिलाओं के लिए विशेष अनारक्षित कोच उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा, जो मांग के अनुसार फ्री किए जा सकते हैं।
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
मंत्री ने यह भी बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है। संवेदनशील और चिन्हित मार्गों/खंडों पर महिला सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राज्य रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा ट्रेनों का मार्गरक्षण किया जाता है। इसके अलावा, ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से यात्रियों को सावधान किया जाता है।
‘मेरी सहेली’ पहल
रेल मंत्री ने ‘मेरी सहेली’ पहल का भी उल्लेख किया, जिसके तहत लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस योजना के तहत, महिला यात्रियों को पूरी यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान की जाती है।
हेल्पलाइन और सोशल मीडिया पर रिस्पॉस
यात्री आपात स्थिति में रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं, जो राष्ट्रीय आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 से भी जुड़ा हुआ है। रेल मंत्रालय ने यह भी कहा कि अधिकारी ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर यात्रियों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखते हैं, ताकि उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सके।
रेलवे मंत्रालय लगातार महिला यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए काम कर रहा है, ताकि वे अपनी यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक अनुभव कर सकें।