Puri Ratna Bhandar: हजारों साल पुराना मंदिर, खुफिया दरवाजे, खोई हुई चाबी, सोने चांदी के भंडार, और सांपों का पहरा…ये कहानी है चार धामों में एक ओडिशा के पुरी में बसे जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की। जिसके अंदर एक प्रचीन खजाना है। जिसकी रक्षा हजारों सांप करते है। 2024 लोकसभा और उड़ीसा विधानसभा चुनावों के दौरान इस रत्न भंडार को लेकर खूब राजनीति हुई थी। भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था।और अपना वादा पूरा करते हुए 14 जुलाई को मंदिर के रत्न भंडार को खोल दिया।
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क्या है रत्न भंडार के अंदर?
इस रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के वस्त्र और आभूषण रखे हुए हैं। साथ ही सालों से मंदिर में चढ़ाए जाने वाले हीरे जवाहरात, सोना चांदी भी इसी भंडार में रखे जाते हैं। रत्न भंडार में दो चैंबर हैं – बाहरी चैंबर और भीतरी चैंबर। दोनों में आभूषण और रत्न हैं। लेकिन खोले जाने के नियम में अंतर है।
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Puri Ratna Bhandar: 3 कैटेगरी में डिवाइड रत्न आभूषण
1960 में बनाए गए रूल्स के तहत रत्न भंडार की चीजों को तीन भागों में डिवाइड किया गया है। कैटेगरी 1 में वो रत्न आभूषण आते हैं, जो भीतरी भंडार में रखे गए हैं। जो सालों पुराने हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं होता। कैटेगरी 2 में वो रत्न जो खास मौकों पर इस्तेमाल होते हैं। मसलन स्वर्ण वस्त्र जिन्हें रथ यात्रा जैसे खास मौकों पर ही बाहर निकाला जाता है। और आखिर में कैटेगरी 3, इसमें वो रत्न-आभूषण आते है, जो रोज भगवान को पहनाए जाते हैं।
कैटेगरी 2 और 3 के रत्न बाहरी भंडार में रखे जाते हैं, और कैटेगरी 1 के भीतरी भंडार में। भीतरी भंडार में डबल लॉक के साथ मंदिर प्रबंधन कमिटी की सील लगी रहती है। और चाभी राज्य सरकार के पास रहती है। जबकि बाहरी भंडार की चाबियां मंदिर प्रबंधन के पास रहती हैं।
खो गई थी चाबी!
साल 2018 में उड़ीसा हाई कोर्ट ने भंडार को खुलवाने का आदेश दिया। ताकि कमरे की मरम्मत आदि की जा सके। ASI को कमरे का सर्वे भी करना था। ASI कमरे को खोलने जा रही थी, तभी पता चला चाभी गायब है। अब नियम के हिसाब से चाभी गवर्मेंट के पास होनी चाहिये थी। लेकिन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की तरफ से कहा गया कि चाभी गायब है। अचानक एक दिन कहा गया कि जिले के रिकॉर्ड रूम में डुप्लीकेट चाभी सीलबंद लिफाफे में पाई गई है। नियमों के हिसाब से डुप्लीकेट चाभी नहीं होनी चाहिए थी। यहां से मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया, और खूब हंगामा हुआ।
Puri Ratna Bhandar: सांप की आवाज आती है
हजारों साल पुराने जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के कितनी संपत्ति है, ये जानने के लिए 46 साल बाद 2024 में फिर से रत्न भंडार खोला गया। इस दौरान सरकार के प्रतिनिधि समेत 11 लोग मौजूद रहे। खजाना खोलने से पहले खास तरह के 6 बड़े-बड़े बॉक्स मंगवाए थे। ताकि उसमें खजाना रख सके। इस दौरान भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा सांप पकड़ने वाले लोगों को भी बुलाया गया क्योंकि लोगों का कहना है की बंद दरवाजे के पीछे से फुफकारने की आवाज आती है।
कमेटी ने अंदर क्या देखा?
जब कमेटी रत्न भंडार को खोलने गई तो जो चाबियां दी गई थीं वह काम नहीं की इसलिए तीन ताले तोड़े गए। अब जान लीजिए की कमेटी ने अंदर क्या देखा?
राज्य की ओर से गठित ऑडिट सुपरवाइजरी कमेटी के प्रमुख जस्टिस बिस्वनाथ रथ का कहना है कि टीम ने आंतरिक कमरे में पांच लकड़ी की पेटियां, चार लकड़ी की अलमारियां और एक स्टील की अलमारी देखी है। इसके अलावा कई अन्य सामान भी हो सकते हैं क्योंकि उन्हें अभी अलमारियों के अंदर क्या रखा है, इसको भी चेक करना है। इसके अलावा बाहरी खजाने में भगवान जगन्नाथ का सोने का मुकुट, तीन सोने के हार हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 120 तोला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंतरिक खजाने में करीब 74 सोने के आभूषण हैं, जिनमें से प्रत्येक का वजन 100 तोला से ज्यादा है। सोने, हीरे, मूंगा और मोतियों से बनी प्लेटें हैं। इसके अलावा 140 से ज्यादा चांदी के आभूषण भी खजाने में रखे हुए हैं।