Premanand vs Pradeep Mishra: प्रसिद्ध कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। इस बार उनके सामने वृंदावन के फैमस बाबा प्रेमानंद महाराज और पूरे बृज के संत हैं,
पंडित प्रदीप मिश्रा खंडवा के ओंकारेश्वर में कथा के बीच राधारानी को लेकर बयान दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि वे बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधाजी के पिता की कचहरी थी, जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।
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प्रदीप मिश्रा की हुई शिकायत
Premanand vs Pradeep Mishra: अब इस बयान लेकर बवाल हो रहा। बृजधाम के संत-पुजारियों ने SSP से शिकायत की है, प्रेमांनंद महाराज सहित कई संत महंतों ने प्रदीप मिश्रा को चुनौती दी है कि वे श्रीजी के विषय में शास्त्रार्थ करने आ जाएं. दोनों तरफ से बयानों का सिलसिला रुक नहीं रहा है, प्रदीप मिश्रा ने भी पलटवार करते हुए विरोध करने वालों को शिव द्रोही कह दिया. दोनों ओर से शास्त्रों के प्रमाण होने की बात कही जा रही है.इस मामले को लेकर देश भर के संत महंत बट गए हैं कुछ बृजवासियों के साथ है तो कुछ प्रदीप मिश्रा के।
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Premanand vs Pradeep Mishra: विवादों से पुराना नाता
हालांकि पं प्रदीप मिश्रा का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है इससे पहले महाराष्ट्र में अपनी कथा के दौरान एक नेता और पार्टी के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। इसकी शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। छत्तीसगढ़ में हिंदुओं को 4 बच्चे पैदा करने की सलाह और इंदौर में बाहरी लड़कियों द्वारा शराब की दुकान पर खड़े होकर फिजा बिगाड़ने की बात कही।
Premanand vs Pradeep Mishra: विवाद में कौन सही
पुराणों की बात करे तो ब्रह्म वैवर्त्य पुराण और गर्ग संहिता के अनुसार, राधा और कृष्ण का विवाह भगवान ब्रह्मा की उपस्थिति में वृंदावन के पास भांडिरवन नामक जंगल में हुआ था। राधा-रानी तीनों लोक की मालकिन हैं। ब्रह्म वैवर्त्य पुराण के प्रकृति खंड में स्वयं शिव जी ने पार्वती जी से 4 अध्याय 40, 49, 50, 51 में राधा तत्व पर बात की है।