Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल आपूर्ति और सिंचाई के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना’ का शिलान्यास किया। यह परियोजना दोनों राज्यों में जल संकट को कम करने कृषि को सशक्त बनाने और पेयजल आपूर्ति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों का हिस्सा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रतीकात्मक रूप से पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी मिलाया।
Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री की तस्वीरें भविष्य में याद रखी जाएंगी क्योंकि आपने पानी पर राजनीति की, लेकिन एक कागज पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए? मोदी ने कांग्रेस को आरोपित करते हुए कहा कि इसके पिछले सरकारों ने राज्यों के बीच जल विवाद बढ़ाया और समाधान नहीं निकाला।
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20 वर्षों के बाद आकार ले रही ऐतिहासिक परियोजना
Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे ऐतिहासिक परियोजना बताया और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 20 सालों के इंतजार के बाद यह परियोजना अब आकार ले रही है और इसे “आधुनिक युग के भागीरथ” के रूप में सम्मानित किया। डॉ. यादव ने यह भी कहा कि यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए एक अद्वितीय योजना है जो जल प्रवाह और कृषि क्षेत्र में समृद्धि लाएगी।
लाखों किसानों को मिलेगा लाभ
Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: यह परियोजना दोनों राज्यों के लाखों किसानों और नागरिकों को लाभान्वित करेगी। केंद्रीय सरकार ने इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत धनराशि आवंटित की है जबकि राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों को केवल 5-5 प्रतिशत राशि खर्च करनी होगी। इस परियोजना का कुल बजट 77 हजार करोड़ रुपये है जिसमें से 70 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
सिंचाई और पेयजल के क्षेत्र में बदलाव
Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: इस परियोजना के तहत पश्चिमी मध्य प्रदेश के श्योपुर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, आगर, इंदौर, धार, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, सीहोर और अन्य क्षेत्रों में जल संकट का समाधान होगा। इससे 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी और 40 लाख लोगों को पेयजल मिलेगा।
Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project: इसके अलावा लगभग 60 साल पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर और वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों में किसानों की पानी की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। परियोजना में कुल 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे और जल भंडारण क्षमता 1908.83 घन मीटर रहेगी जिसमें से 172 मिलियन घन मीटर जल पेयजल और उद्योगों के लिए आरक्षित किया जाएगा।