आज देश अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस
PM Modi hoist tricolor : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2024 को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले से तिरंगा फहराया। इस बार उन्होंने 1 घंटा 38 मिनट का भाषण दिया। पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कई मुद्दों को उठाया, जिसमें यूसीसी, वन नेशन-वन इलेक्शन, मेडिकल में भारत की प्रगति और बांग्लादेश में हिंदुओं की चिंता मुख्य विषय के रूप में शामिल हैं।
देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है
देश आज 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। अपने 103 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा, ‘आजादी के प्रेमियों ने आज हमें आजादी में सांस लेने का सौभाग्य दिया है। यह देश महापुरुषों का ऋणी है।
हमारे देश के बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाना पड़ता है। अगले पांच साल में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें बढ़ाई जाएंगी। कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा, ‘ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटका देना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमने शासन के इस मॉडल को बदल दिया है। आज सरकार खुद लोगों की जरूरतों को पूरा कर रही है। इससे पहले आज सुबह पीएम मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ है। इसके तहत 2047 तक आजादी के 100वें साल तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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युवाओं को राजनीति में लाने की जरूरत
मैं हमेशा कहती हूं कि भाई-भतीजावाद और जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। मैं अपने सामने अपने भारत को देख रहा हूं। यह एक मिशन है, हम देश में एक लाख युवाओं को आगे लाना चाहते हैं, जिनके परिवारों की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। ऐसे होनहार युवाओं को राजनीति में नए खून की तरह लाने की जरूरत है। इस वजह से अगर वह किसी पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें नेपोटिज्म से छुटकारा मिल जाएगा।
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सांप्रदायिक नागरिक संहिता में 75 साल बिताए
हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता की बात की है। वर्तमान नागरिक संहिता एक तरह से सांप्रदायिक नागरिक संहिता है। हमारे संविधान की भावना कहती है कि देश में इस विषय पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। धर्म के आधार पर देश को बांटने वाले कानून। ऐसे कानून आधुनिक समाज का निर्माण नहीं करते। देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता होनी चाहिए, तभी हमें धर्म के आधार पर भेदभाव से छुटकारा मिलेगा।
2036 ओलंपिक भारत में होंगे
आज हम उन युवाओं के साथ तिरंगे के नीचे बैठे हैं जिन्होंने ओलंपिक की दुनिया में नया झंडा फहराया है। मैं देशवासियों की तरफ से उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं। जी-20 का आयोजन करके हमने दिखा दिया है कि भारत बड़े से बड़े आयोजनों की भी मेजबानी कर सकता है। भारत चाहता है कि 2036 ओलंपिक का आयोजन भारत में हो, इसकी तैयारी की जा रही है।
पड़ोसी देश शांति के रास्ते पर चलें
पड़ोसी देश के रूप में बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे चिंतित होना स्वाभाविक है। मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी देश शांति के रास्ते पर चलें। ये हमारे मूल्य हैं, आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में अच्छे विचार आएंगे।
