Pitta Dosha Home Remedies: आयुर्वेद के अनुसार, शरीर तीन दोषों – वात, पित्त और कफ – से बना होता है। इन तीनों का संतुलन जरूरी होता है, वरना कई रोग जन्म ले सकते हैं। जब शरीर में पित्त दोष बढ़ता है, तो यह पाचन अग्नि को तीव्र कर देता है और शरीर में गर्मी बढ़ जाती है। यह स्थिति 40 से ज्यादा बीमारियों का कारण बन सकती है।
Read More: Side Effects of Hair Highlights: बालों को हाइलाइट कराने से पहले जान लें ये गंभीर नुकसान…
क्यों बढ़ता है पित्त दोष? जानें प्रमुख कारण…
सूत्रों के अनुसार, आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि पित्त असंतुलन का संबंध सिर्फ भोजन से नहीं, बल्कि जीवनशैली और मानसिक स्थिति से भी है। नीचे दिए गए कारण आमतौर पर पित्त दोष को बढ़ाते हैं:
1. तीखा, खट्टा, मसालेदार और प्रोसेस्ड फूड का सेवन।
2. ज्यादा चाय, कॉफी, शराब या धूम्रपान।
3. गुस्सा, चिंता, तनाव और अधूरी नींद।
4. देर रात तक जागना और दिन में सोना।
5. ज़्यादा एक्सरसाइज या काम का अत्यधिक दबाव।
6. गलत समय पर भोजन या ओवरईटिंग।
कैसे पहचानें बढ़ा हुआ पित्त?
1. पेट में जलन या एसिडिटी।
2. मुंह में कड़वाहट।
3. त्वचा में रैशेज या लालिमा।
4. सिरदर्द, चिड़चिड़ापन।
5.अत्यधिक पसीना आना।
6. अनिद्रा और अपच।
पित्त को संतुलित करने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय…
1. त्रिफला चूर्ण – आयुर्वेदिक वरदान
रोज रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। इससे पाचन ठीक रहता है और पित्त संतुलन में आता है।
2. ठंडी चीजों का सेवन
नारियल पानी, बेल शरबत, सौंफ का पानी, छाछ और खस का शरबत शरीर की गर्मी को शांत करते हैं।
3. धनिया-सौंफ का पानी
रात को 1 चम्मच धनिया और 1 चम्मच सौंफ को 1 गिलास पानी में भिगो दें। सुबह छानकर पीने से पित्त शांत होता है।
4. गिलोय और नीम
सुबह खाली पेट 10ml गिलोय रस पिएं और नीम की पत्तियां चबाएं। यह शरीर से विषैले तत्व निकालता है।
5. अश्वगंधा
रात को 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर दूध के साथ लेने से तनाव कम होता है और पाचन सुधरता है।
6. एलोवेरा जूस
एलोवेरा का रस (10-15ml) सुबह खाली पेट लेने से पाचन तंत्र शांत रहता है और शरीर की गर्मी कम होती है।
7. आंवला
आंवला जूस या सूखे आंवले का पाउडर शहद के साथ लें। इसमें भरपूर विटामिन C होता है जो शरीर को ठंडा रखता है।
आहार में बदलाव से पित्त को करें नियंत्रित…
1. खट्टे फल, तला-भुना और मसालेदार भोजन से परहेज करें।
2. भोजन में ज्यादा सब्जियां, मौसमी फल और गुनगुना पानी शामिल करें।
3. बर्फीले या कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों से बचें।
4. एक बार में एक ही प्रकार का भोजन करें, ज्यादा चीजें मिक्स न करें।
योग और प्राणायाम – मानसिक और पाचन संतुलन का उपाय..
1. वज्रासन (भोजन के बाद)
2. पवनमुक्तासन
4. अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम
इनसे न केवल पाचन बेहतर होता है बल्कि दिमाग शांत रहता है।
नींद और तनाव पर नियंत्रण..
रात में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। तनाव से बचने के लिए ध्यान, मेडिटेशन और मोबाइल का कम इस्तेमाल करें।
आयुर्वेदिक दवाएं (सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर लें)
1. अविपत्तिकर चूर्ण
2. कामदुधा रस
3. सुतशेखर रस
4. शंखवटी
5. गिलोय घनवटी
NOTE- The information given has been taken from different websites, please take expert advice before adopting the information given.