PCOD और PCOS के कारण
इन दोनों की सटीक वजह अज्ञात है, लेकिन कुछ कारक इनके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
हार्मोनल असंतुलन और इंसुलिन रेजिस्टेंस
PCOS और PCOD में हार्मोनल असंतुलन मुख्य भूमिका निभाता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस, जिसमें शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, एंड्रोजन के स्तर को बढ़ाता है। इससे मासिक धर्म अनियमित होता है और सिस्ट बन सकते हैं।
genetics और जीवनशैली
परिवार में PCOD/PCOS का इतिहास होने से जोखिम बढ़ता है। इसके अलावा, मोटापा, तनाव, गलत खानपान और गतिहीन जीवनशैली भी इन समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। शहरी क्षेत्रों में यह ज्यादा आम है, क्योंकि वहां तनाव और अस्वास्थ्यकर खानपान ज्यादा प्रचलित है।
PCOD and PCOS: लक्षण और अंतर
PCOD में अंडाशय अपरिपक्व अंडे बनाते हैं, जिससे सिस्ट बनते हैं और मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। PCOS में हार्मोनल और मेटाबॉलिक समस्याएं ज्यादा गंभीर होती हैं, जैसे:
- अनियमित या मिस्ड पीरियड्स
- चेहरे और शरीर पर अतिरिक्त बाल (हिर्सुटिज्म)
- मुंहासे और वजन बढ़ना
- बांझपन और डायबिटीज का खतरा
PCOS में लंबे समय तक इलाज न करने पर डायबिटीज, हृदय रोग और एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम बढ़ता है, जबकि PCOD में ये जोखिम कम होते हैं।
बचाव और उपचार
PCOS और PCOD को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इन्हें नियंत्रित करना संभव है।
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जीवनशैली में बदलाव
- स्वस्थ आहार: कम कार्बोहाइड्रेट और ज्यादा फाइबर युक्त भोजन (जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां) इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करता है।
- नियमित व्यायाम: सप्ताह में 5 दिन 20-30 मिनट का मॉडरेट व्यायाम वजन और हार्मोन को संतुलित रखता है।
- तनाव प्रबंधन: योग और मेडिटेशन हार्मोनल असंतुलन को कम करते हैं।
PCOD and PCOS: चिकित्सा उपचार
- हार्मोनल दवाएं: बर्थ कंट्रोल पिल्स मासिक धर्म को नियमित करती हैं और एंड्रोजन को कम करती हैं।
- मेटफॉर्मिन: इंसुलिन रेजिस्टेंस को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- फर्टिलिटी दवाएं: क्लोमीफीन या लेट्रोजोल ओवुलेशन को बढ़ावा देते हैं।
- सर्जरी: PCOS के गंभीर मामलों में ओवेरियन ड्रिलिंग की जा सकती है। नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से लक्षणों को नियंत्रित करना आसान हो सकता है।
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