16 महीने पहले लिखी गई तख्तापलट की पटकथा
Bangladesh violence : बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन 5 अगस्त को बेहद हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में भी घुस गए। इसके बाद पीएम शेख हसीना भागकर भारत पहुंचीं। तब से आजतक बांग्लादेश में उथल-पुथल मची हुई थी। भारतीय खुफिया एजेंसी को जानकारी मिली है कि 16 महीने पहले बांग्लादेश में हिंसा की पटकथा ISI ने लिखी थी। उनके साथ अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने भी काम कर रही थी।
मई 2023 में विपक्ष के नेता बीएनपी ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से संपर्क किया मई 2023 में बांग्लादेश चुनावों से पहले, अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू और बांग्लादेश में अमेरिकी राजदूत पीटर हास ने बांग्लादेशी राजदूत से मुलाकात की।

शेख हसीना ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन पर अमेरिकी दबाव के संकेत दिए थे। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी सीआईए के नेता के संपर्क में थी। जब हसीना चुनाव कराने और जीतने में कामयाब रहीं, तो उथल-पुथल पर काम तेजी से शुरू हुआ।
अक्टूबर 2023: हसीना को ‘भारतीय एजेंट’ कहकर उनके खिलाफ अभियान शुरू बांग्लादेश में अक्टूबर 2023 के चुनावों से पहले ही विपक्षी दल उन्हें ‘भारतीय एजेंट’ कह रहे हैं। अभियान को दो रंग दिए जा रहे हैं। पहला, भारत ने बांग्लादेश को अपना उपनिवेश बना लिया है और दूसरी बात, शेख हसीना एक भारतीय एजेंट हैं जिन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश को भारत को बेच दिया है।
अप्रैल 2024 में, शेख हसीना सरकार ने एक आंतरिक सर्वेक्षण किया। इस हिसाब से चुनाव के बाद उनकी लोकप्रियता में 10-15% की गिरावट देखी गई। अभियान का असर दिखने लगा था। ये बांग्लादेश में विद्रोह के शुरुआती रुझान थे, लेकिन योजना बहुत पहले शुरू हो गई थी।

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च में ही आधुनिक हथियारों की खेप म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश के कुकी-चिन नेशनल फ्रंट विद्रोहियों तक पहुंच गई थी। यह संगठन चटगांव हिल्स की पहाड़ियों में अपनी गतिविधियां चलाता है।
केएनएफ ने अप्रैल में आतंकवादी गतिविधियां शुरू की थीं। 2 अप्रैल, 2024 को केएनएफ विद्रोहियों ने बांग्लादेश के रूम सब-डिस्ट्रिक्ट में सोनाली बैंक को लूट लिया। अगले दिन थांची उपजिला में सोनाली बैंक और कृषि बैंक की शाखाओं को लूटने की कोशिश की गई और पुलिस से 15 हथियार छीन लिए गए।
बांग्लादेश सरकार और KNF के बीच शांति वार्ता मई 2023 से चल रही थी। दूसरे दौर की वार्ता मार्च 2024 में हुई। कुछ दिनों बाद, केएनएफ ने फिर से बांग्लादेश सरकार के खिलाफ हथियार उठा लिए।
