odisha rape accused killed women burn body : ओडिशा में रेप आरोपी की हत्या कर शव जलाया गया, जंगल से मिली हड्डियां
odisha rape accused killed women burn body : ओडिशा के गजपति ज़िले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहां एक 60 वर्षीय रेप के आरोपी की हत्या कर दी गई और उसके शव को जला दिया गया। इस मामले में 8 महिलाओं और 2 पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार की गई सभी महिलाएं खुद उस व्यक्ति की यौन शोषण की शिकार रही थीं।
🔍 क्या है पूरा मामला?
घटना गजपति जिले के एक ग्रामीण इलाके की है। पुलिस को गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर जंगल के पास एक पहाड़ी से राख और मानव हड्डियां बरामद हुईं। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई कि यह शव उसी व्यक्ति का है, जिस पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप था।
😠 52 वर्षीय विधवा से रेप ने उभारा गुस्सा
पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा के मुताबिक, 3 जून को आरोपी ने 52 वर्षीय एक विधवा महिला का बलात्कार किया। इससे पूरे गांव में आक्रोश फैल गया, विशेषकर उन महिलाओं में जो पहले से उस व्यक्ति के दुर्व्यवहार का शिकार हो चुकी थीं।
🔸 मीटिंग में लिया गया ‘इंसाफ’ का फैसला
इस घटना के बाद पीड़ित महिलाओं ने एक गुप्त मीटिंग की और आरोपी को खुद सज़ा देने का निर्णय लिया। योजना के अनुसार:
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महिलाएं आरोपी के घर पहुंचीं, जहां वह सो रहा था
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कुल्हाड़ी से उस पर वार कर हत्या कर दी गई
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शव को जंगल में ले जाकर जला दिया गया
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दो पुरुषों ने शव ले जाने और जलाने में महिलाओं की मदद की
🚫 पुलिस में कभी दर्ज नहीं हुई शिकायत
गजपति के SP पांडा ने बताया कि इन महिलाओं ने कभी भी आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। वजह थी — समाज का डर, शर्मिंदगी और आरोपी का डर। चार साल पहले उसकी पत्नी की मौत के बाद वह लगातार गांव की महिलाओं को निशाना बना रहा था।
🔹 गिरफ्तार महिलाएं क्या कहती हैं?
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कम से कम 6 महिलाओं ने बताया कि आरोपी ने उनके साथ यौन शोषण किया था
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सभी का कहना है कि पुलिस से शिकायत का कोई फायदा नहीं होता
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एक महिला ने कहा: “हमने खुद को बचाने के लिए ये कदम उठाया, कोई और रास्ता नहीं बचा था“
⚖️ कानून बनाम न्याय: सवालों के घेरे में सिस्टम
इस घटना ने देशभर में एक बार फिर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
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क्या न्याय में देरी भी अन्याय है?
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क्या कानून व्यवस्था महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा दे पा रही है?
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क्या यह “विजिलांट जस्टिस” या “आत्मरक्षा” का केस है?
📢 सोशल मीडिया पर बंटे हैं मत
पक्ष | सोच |
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🔴 कानून समर्थक | महिलाओं को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए था |
🟢 महिला अधिकार समर्थक | जब सिस्टम फेल हो जाए, तो लोग ऐसा कदम उठाते हैं |
🕵️ पुलिस जांच की मौजूदा स्थिति
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आरोपी की डिएनए रिपोर्ट और हड्डियों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है
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गिरफ्तार सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है
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मामला अब राज्य के महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आ गया है
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पुलिस न्यायिक प्रक्रिया के तहत चार्जशीट तैयार कर रही है
📚 कानूनी विशेषज्ञों की राय
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IPC सेक्शन 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 120B (साजिश) के तहत केस दर्ज
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वकीलों का मानना है कि यदि आरोपी के खिलाफ पहले शिकायत होती तो शायद यह स्थिति न आती
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“अगर रेप पीड़िता खुद इंसाफ करने लगे तो यह सिस्टम के लिए अलार्म है” — वरिष्ठ अधिवक्ता
✅ ओडिशा की यह घटना केवल एक क्राइम स्टोरी नहीं, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक बहस का कारण है। जब महिलाएं बार-बार यौन शोषण का शिकार होती हैं और सिस्टम उन्हें इंसाफ नहीं दे पाता, तो वे खुद रास्ता तलाशती हैं — चाहे वह कानून के खिलाफ ही क्यों न हो। यह केस भारतीय न्याय प्रणाली और समाज दोनों के लिए आईना और चेतावनी है।
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