Remo D’Souza को धोखाधड़ी के मामले में फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद से इस मामले का ट्रायल दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (CMM) के पास ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया।
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क्या है मामला?
गाजियाबाद के कारोबारी सत्येंद्र त्यागी ने दिसंबर 2016 में रेमो डिसूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि रेमो ने उन्हें अपनी फिल्म “अमर मस्ट डाई” में 5 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करने का सुझाव दिया था, साथ ही वादा किया था कि एक साल के भीतर पैसे लौटा दिए जाएंगे। लेकिन समय बीत जाने के बाद भी पैसे नहीं लौटाए गए। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपना पैसा मांगा, तो उन्हें अंडरवर्ल्ड डॉन प्रसाद पुजारी के जरिए धमकाया गया।
Remo D’Souza की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का रुख
रेमो ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और उत्तर प्रदेश सरकार से एक हफ्ते में जवाब तलब किया।
कोर्ट का आदेश और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने रेमो और प्रसाद पुजारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और 386 (जबरन वसूली) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। ट्रायल कोर्ट ने रेमो को समन भी जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है, जहां आगे की सुनवाई कड़कड़डूमा कोर्ट में होगी।
रेमो डिसूजा के लिए यह मामला अभी और चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कोर्ट ने अब तक उनकी कोई भी याचिका स्वीकार नहीं की है।