News Updates: एक बेटी के लिए उसका पिता सुपर हीरो होता है.इसलिए बेटियां अपने पिता पर जान न्यौछावर करती है.ऐसा ही कुछ इंदौर में हुआ जहां अपने बीमार पिता की जान बचाने के लिए नाबालिग बेटी ने अपना लिवर डोनेट किया.लेकिन इसमे में भी बेटी को लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी और आखिरकार बेटी की जिद के आगे कानून को भी झुकना पड़ा.कोर्ट ने बेटी को लिवर डोनेट करने की अनुमति दी और 12 घंटे की सर्जरी के बाद नाबालिक का लिवर पिता को ट्रांसप्लांट किया गया.
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News Updates: कोर्ट ने दी परमिशन
News Updates: इंदौर में हाईकोर्ट की परमिशन मिलने के बाद पिता को नाबालिग बेटी का लिवर ट्रांसप्लांट कर दिया गया है। सफल सर्जरी के बाद दोनों को आईसीयू में रखा गया है। यहां उनके ऑब्जर्वेशन को लेकर डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ अलर्ट मोड पर हैं।प्राइवेट अस्पताल में डॉ. अमित बरफा की टीम ने गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे ट्रांसप्लांट प्रोसेस शुरू की। सर्जरी रात 2 बजे तक चली। इसके बाद डॉ. बरफा ने कहा, ‘पिता और बेटी दोनों ही स्वस्थ हैं।
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News Updates: MP की पहली नाबालिग डोनर
News Updates: इंदौर के शिवनारायण बाथम की 5 बेटियां है और वे लंबे समय से थे उनके लिवर ने काम करना बंद कर दिया था.ऐसे में उनकी बेटी प्रीति आगे आई और अपना लिवर डोनेट करने का फैसला लिया.लेकिन प्रीति नाबालिग थी इसलिए उसे लिवर डोनेट करने की परमिशन नहीं दी गई. इस पर नाबालिग ने 13 जून को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की थी। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने गुरुवार को लिवर डोनेट करने की मंजूरी दे दी।हाईकोर्ट में प्रीति का पक्ष रखने वाले एडवोकेट निलेश मनोरे ने बताया, ‘गुरुवार को ग्वालियर बेंच के जस्टिस विशाल मिश्रा ने इंदौर बेंच में वर्चुअल सुनवाई की। कोर्ट ने एमवाय हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन और भोपाल कमिश्नर की रिपोर्ट्स को लिवर ट्रांसप्लांट करने की परमिशन देने का आधार बनाया। मेडिकल चेकअप में प्रीति इसके लिए फिट भी पाई गई है।’