Anti Naxal Operation : नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान के बीच माओवादी संगठन के महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ जोन (MMC Zone) ने एक पत्र में सरकार से अपील करके सरेंडर करने के लिए फरवरी तक का वक्त मांगा है. एमएमसी जोन के प्रवक्ता अनंत की अपील पर राजनांदगांव एसपी ने टका सा जवाब देते हुए कहा कि फोर्स फरवरी तक नहीं रूकेगी.
हीडमा का एनकाउंटर के बाद नक्सली लगातार सरेंडर कर रहे
हिड़मा के एनकाउंटर के बाद सुरक्षा बलों ने अभियान को और तेज कर दिया है गौरतलब है माओवादी संगठन के एमएमसी जोन प्रवक्ता द्वारा जारी किया गया पत्र ऐसे समय आया है जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों से सबसे खूंखार नक्सल कमांडर माड़वी हिड़मा को मार गिराया है. जिससे लगातार नक्सलियों के सरेंडर की गति तेज हुई है.
एसपी अंकिता शर्मा ने कहा, कि फरवरी तक का समय लंबा हो जाएगा और जब तक नही रूक सकते है इसलिए हम नक्सलियों से अपील करते है कि आगे आकर मुख्यधारा से जुडे
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नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे
प्रदेश के नक्सल इलाकों में नक्सलियों के सरेंडर का सिलसिला लगातार जारी है. आज फिर से बीजापुर में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं. ये सभी इंद्रावती नेशनल पार्क एरिया कमेटी,PLGA बटालियन व कम्पनी के नक्सली है. ये सभी बीजापुर जिला मुख्यालय में पहुंचे और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
नक्सली हीडमा का एनकाउंटर हो गया है बीजापुर इलाके में नक्सल संगठन कमजोर पड़ने लगा है और नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे है
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अब तक 749 नक्सली सरेंडर कर चुके है
बीजापुर जिले में नक्सलियों के एनकाउंटर के साथ ही सरेंडर भी चल रहा है. इस इलाके में अब तक 749 नक्सली सरेंडर कर मुख्य धारा में जुड़ चुके हैं. जिले में जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है उसमें कई बड़े नक्सली लीडर्स भी शामिल हैं.
Anti Naxal Operation: 41 नक्सलियों ने हथियार डाले
बीजापुर SP डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा, 41नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें पंडरू हपका उर्फ मोहन, बंदी हपका, लक्खू कोरसा, बदरू पुनेम और सुखराम हेमला शामिल हैं। हर एक पर ₹8 लाख (800,000 रुपये) का इनाम था। सरेंडर करने वाले नक्सली PLGA बटालियन नंबर 1 और अलग-अलग कंपनियों के मेंबर हैं।
नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे
SP जितेंद्र कुमार यादव ने कहा, कि सरेंडर करने वालों के परिवार भी चाहते हैं कि वहनॉर्मल ज़िंदगी जिएं और समाज में घुल-मिल जाएं।नक्सली अपनी गुमराह करने वाली और हिंसक सोच छोड़कर बिना डरे समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
