
उज्जैन आबकारी विभाग ने दी 31 बोतल शराब
Navratri festival:उज्जैन में नवरात्रि की महाअष्टमी पर शासकीय नगर पूजा की गई। कलेक्टर नीरज सिंह ने चौबीस खम्बा माता मंदिर में महामाया और महालया माता को मदिरा का भोग लगाकर पारंपरिक पूजन किया।
मां को लगाया मदिरा का भोग
कलेक्टर की अगुवाई में एक दर्जन से अधिक पटवारी, कोटवार सहित कई अधिकारी-कर्मचारी और श्रद्धालु सड़क पर मदिरा की धार लगाते आगे बढ़े। शासकीय दल ने ढोल-बैंड बजाते हुए 27 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 40 मंदिरों में पूजा की। नगर पूजा की यह परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। इसके लिए आबकारी विभाग शराब की 31 बोतल राजस्व विभाग को देता है।
Navratri festival:विक्रमादित्य के समय से चली आ रही पंरपरा
नगर पूजा की यह परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है। शुल्क पक्ष की अष्टमी को तांत्रिक स्वरूप में होती है पूजा भूतभावन भगवान महाकालेश्वर की पावन नगरी उज्जैन में शासन की ओर से आश्विन मास के शुल्क पक्ष की अष्टमी को यह पूजा तांत्रिक स्वरूप में होती आ रही है। इस दौरान नगर के 40 देवी, भैरव और हनुमान मंदिरों में पूजन होता है। ढोल-नगाड़ों के साथ माता की महा आरती के बाद माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री, चुनरी और बड़बाकल का भोग लगाया जाता है।ऐसा माना जाता है कि मां को मदिरा का भोग लगाने से शहर में सुख-समृद्धि आती है।
Navratri festival:भैरव मंदिर पर खत्म होती है यात्रा
हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर खत्म होती है यात्रा उज्जैन शहर में बूंद-बूंद कर 27 किमी तक शराब की धार लगाने की परंपरा के लिए करीब हफ्तेभर पहले एसडीएम दफ्तर से आबकारी विभाग को पत्र जारी किया जाता है। यह पत्र पटवारी द्वारा रेलवे स्टेशन स्थित आबकारी विभाग के कार्यालय पहुंचाया जाता है। यहां भंडार से आबकारी विभाग पूजन के लिए मुफ्त 31 बोतल देता है।
सबकी जिम्मेदारी होती है तय
शराब और बलबाकल का भोग लगाने और नगर पूजा की जवाबदारी पटवारी, कोटवार और एक वसूली पटेल के हाथों में होती है। राजस्व विभाग के सहयोग से होने वाली पूजा का कुल खर्च 18000 हजार रुपए आता है। अंकपात स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर नगर पूजा का समापन होता है। करीब 20 साल पहले वसूली पटेल को यहीं से 18-20 बोतल शराब पूजन के लिए दी जाती थीं। पटवारी इन्हें 2 दिन पहले ही मंदिर में पहुंचा देते थे।