शिवराज सिंह चौहान ने बताए विकास के 6 सूत्र
National Agriculture Conference: नई दिल्ली में आयोजित हुए राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में रबि अभियान की शुरुआत की गई.इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कृषि और उनके विकास से जुड़े कई मुद्दों पर बात की और अपने विकास से 6 सूत्रों के बारे में जानकारी दी
National Conference on Agriculture:रबि अभियान का आगाज
ई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान) शामिल हुए. उन्होंने इस मौके पर रबी अभियान 2024 का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा काम साधारण काम नहीं है. कृषि विभाग का लक्ष्य है देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और खाद्य उत्पादन करने वालों की जिंदगी को बेहतर करना. उन्होंने कहा कि कृषि केंद्र सरकार के लिए भी एक जरूरी विषय बना हुआ है.
National Conference on Agriculture:भारत की रीढ़ है कृषि-शिवराज सिंह
सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने पीएम मोदी के तीसरे बार के सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को लेकर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा, ‘कृषि के बिना कुछ भी संभव नहीं है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है. आज भी अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 18-19% है और 55% लोगों को रोजगार यह दे रही है. किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है.’
National Conference on Agriculture:शिवराज सिंह ने बताए विकास के 6 सूत्र
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने विकास के 6 सूत्र बताए. उन्होंने कहा, ‘हमारे 6 सूत्र हैं जो हमने तय किये हैं.
उत्पादन बढ़ाना, इसके लिए अच्छे बीज चाहिए. नया बीज रिलीज तो हो गया, लेकिन साइकिल ऐसी है कि तीन चार साल लग जाते हैं किसान तक पहुंचते-पहुंचते.
सिंचाई की व्यवस्था चाहिए. खाद की उपलब्धता भी हो. जो फ़ीडबैक आया है, उसपर हमें चिंता से काम करना है.
कैमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग हम कैसे कम करें, इस पर हमें धीरे-धीरे ध्यान देना होगा. ऑर्गेनिक और नेचुरल फ़ार्मिंग की ओर जब हम बढ़ेंगे, तब हम धीरे-धीरे इसका उपयोग भी कम कर लेंगे.
खाद के लिए केंद्र के साथ राज्य जो भी ध्यान देना होगा.
भारी सब्सिडी के बाद भी अव्यवस्था के कारण हमारा परिश्रम बेकार हो जाता है. उत्पादन की लागत घटाना हमारा दूसरा लक्ष्य है.
पर हेक्टेयर ईल्ड तो बढ़े लेकिन लागत कैसे घटे, इस पर काम हो रहा है.