
MP GOVT: मध्यप्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की फीस नियमन में बदलाव के लिए विधेयक पेश किया
MP GOVT: मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए बने कानून में संशोधन करने का एक नया विधेयक प्रस्तुत किया है। इस बदलाव के अनुसार जिन स्कूलों की वार्षिक फीस 25,000 रुपये या उससे कम है वे अब फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की अनुमति लेने से मुक्त होंगे। इस बदलाव से राज्य के 16,000 स्कूलों पर असर पड़ेगा जो अब इस कानून के दायरे से बाहर हो जाएंगे।

MP GOVT: नए कानून के तहत स्कूल बस या मिनी बस का किराया अब स्कूल फीस में शामिल किया जाएगा जिससे अभिभावकों को राहत मिलेगी। मप्र में कुल 35,000 से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं और यह नया विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
मौजूदा कानून और बदलाव
MP GOVT: मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल फीस और संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम-2017 के तहत 2018 में लागू किया गया था जो स्कूलों की फीस वृद्धि पर नियंत्रण रखता है। इस अधिनियम के तहत स्कूल बिना अनुमति के केवल 10% तक फीस बढ़ा सकते हैं। 10% से अधिक वृद्धि के लिए जिला समिति से मंजूरी लेना जरूरी होता है।
नए बदलावों में शामिल प्रमुख प्रावधान
- 25,000 रुपये फीस वाले स्कूलों को छूट: अब 25,000 रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों को कानून से बाहर कर दिया गया है। हालांकि, यदि ये स्कूल फीस में 15% से ज्यादा वृद्धि करते हैं, तो उन्हें जिला समिति से अनुमति लेनी होगी।
- परिवहन शुल्क अब फीस का हिस्सा: स्कूल बस या अन्य परिवहन साधनों का शुल्क अब स्कूल फीस में जोड़ा जाएगा जिससे अभिभावकों को अतिरिक्त शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- फीस वृद्धि पर स्पष्टीकरण: फीस बढ़ाने के कारण स्कूलों को जिला समिति को स्पष्ट जानकारी देनी होगी। फीस वृद्धि की प्रस्तावित जानकारी को स्कूलों की वेबसाइट पर भी अपलोड करना अनिवार्य होगा।
15% से अधिक फीस वृद्धि के लिए विभागीय समिति की मंजूरी
MP GOVT: 25,000 रुपये से अधिक फीस वाले स्कूलों के लिए यदि वे फीस में 15% से अधिक वृद्धि करना चाहते हैं, तो इसके लिए विभागीय समिति की मंजूरी जरूरी होगी। समिति में राज्य शिक्षा आयुक्त और अन्य उच्च अधिकारी शामिल होंगे।
छात्रों से दान लेने पर पाबंदी
MP GOVT: किसी भी प्राइवेट स्कूल को छात्र या अभिभावकों से किसी भी नाम से दान या कैपिटेशन शुल्क लेने की अनुमति नहीं होगी। फीस के लिए स्कूल को बैंक खाता खोलने और फीस की रसीद देने का निर्देश होगा।
54 करोड़ रुपये की फीस लौटाने का आदेश
MP GOVT: हाल ही में जबलपुर कलेक्टर ने मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल फीस और संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम के तहत 8 प्राइवेट स्कूलों को 54 करोड़ रुपये से अधिक की फीस अभिभावकों को वापस करने का आदेश दिया था। इन स्कूलों पर जुर्माना भी लगाया गया था। यह नया विधेयक राज्य में प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।