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प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों की उखड़ रही सांसे
मध्य प्रदेश MP में गमीं के बीच बिजली संकट गहरा सकता है एक तरफ प्रदेश में बिजली की मांग बढ़ गई है। वही दूसरी तरफ प्रदेश के बिजली उत्पादन में गिरावट आ रही है। बिजली सप्लाई भी प्रभावित हो रही है।
प्रदेश के ताप बिजली संयंत्र अधिक उत्पादन का लोड सहन नहीं कर पा रहे हैं। ताप विद्युत केंद्रों की ईकाईयों में खराबी से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इससे MP पॉवर जनरेशन कंपनी को करोड़ों रूपए का घाटा हो रहा है।
500 मेगावाट की यूनिट में उत्पादन ठप
उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र की यूनिट में उत्पादन गुरुवार की शाम से ठप हो गया । यहां 500 मेगावाट की यूनिट में उत्पादन ठप हो गया है।
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MP में अब बिजली की डिमांड साल दर साल बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में पिछले साल दिसंबर में ही बिजली की डिमांड 17 714 मेगावॉट तक पहुंच गई। बिजली कंपनियों का अनुमान है कि इस साल प्रदेश में बिजली की डिमांड 18 हजार मेगाबॉट तक पहुंच सकती है।
MP: 5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
बिजली मामलों के जानकारों की माने तो विद्युत केंद्र की 210 मेगावॉट की एक यूनिट एक दिन में 50 लाख यूनिट बिजली बनाती है। अगर एक यूनिट महीने में दो बार सिर्फ एक-एक दिन के लिए भी बंद हो जाए तो 5 करोड़ का नुकसान कंपनी को होता है।
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उत्पादन बंद होने पर बिजली कंपनी को निजी सेक्टर से महंगी बिजली भी खरीदना पड़ती है। प्रदेश में बिजली उत्पादन क्षमता 22 हजार मेगावॉट से ज्यादा है। इसके बाद भी निजी सेक्टर से बिजली लेना पड़ती है। और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती करनी पड़ती है।
MP: गहरा सकता है, बिजली संकट
ताप विद्युत केंद्रों की यूनिट में उत्पादन ठप होने से गर्मी में बिजली की मांग बढ़ जाती है। उत्पादन प्रभावित होने से बिजली संकट भी आ सकता है। अभी प्रदेश की बिजली की डिमांड 12 से 13 हजार मेगावॉट के बीच चल रही है। यह डिमांड अभी और बढ़ेगी।
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