MP Cabinet Expansion : मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हो गया है. कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत को राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मंत्रीपद की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद रामनिवास रावत ने बताया कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। दरअसल शपथ ग्रहण के बाद इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई थी कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं या राज्य मंत्री। अब इसे लेकर ख़ुद उन्होंने स्थिति साफ कर दी है।
Contents
रावत ने दो बार ली शपथ
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत को राजभवन में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेनी थी। उन्होंने सुबह करीब 9.03 बजे बतौर राज्यमंत्री शपथ ले ली। गलती का अहसास हुआ तो उनको करीब 9.18 बजे फिर कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। रावत ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया, इसलिए रिकॉर्ड में वे कांग्रेस विधायक ही हैं।मोहन मंत्रिमंडल में अब मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 3 पद अभी खाली है।
Read More- Road Accident News: पलभर में मातम में बदली बच्चे के जन्म की खुशी
MP Cabinet Expansion: विजयपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे
रामनिवास रावत आज मोहन कैबिनेट में शामिल हो गए। वो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में आए थे। श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से वे छह बार विधायक रह चुके हैं। मंत्री पद की शपथ लेने से पहले उन्होंने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया। अब वे बीजेपी प्रत्याशी के रूप में विजयपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे। रामनिवास रावत ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं और विधानसभा चुनाव के बाद जीतू पटवारी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से पार्टी से नाराज़ चल रहे थे।
Read More- Imd Alert : दिल्ली के बाद अब मुंबई डूबी, 6 घंटे में 11.8 इंच बारिश
MP Cabinet Expansion: कांग्रेस ने की अनदेखी
अब मोहन मंत्रीमंडल में शामिल हो चुके रामनिवास रावत दिग्विजय सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें 8 बार विधायक प्रत्याशी बनाया जिसमें से 6 बार वे जीते और दो बार हार गए। वहीं दो बार वे सांसद पद के लिए भी कांग्रेस प्रत्याशी रहे, लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद से ही कांग्रेस आलाकमानी की अनदेखी और नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने को लेकर वो पार्टी से नाराज़ चल रहे थे। कमलनाथ सरकार में भी उन्हें कोई पद नहीं दिया गया था। वहीं जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लेकर भी उनकी नाराज़गी थी।