मध्य प्रदेश के अमरनाथ : मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में स्थित नागद्वार मंदिर को ‘अमरनाथ’ भी कहा जाता है। यह मंदिर साल में सिर्फ 10 दिन के लिए खुलता है और इस साल 1 अगस्त से 10 अगस्त तक मेला आयोजित किया गया है। इस दौरान 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
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मध्य प्रदेश के अमरनाथ : नागद्वार की यात्रा
नागद्वार की यात्रा नागफनी से शुरू होती है, जहाँ से श्रद्धालु करीब 15 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। इस यात्रा में सात दुर्गम पहाड़ों को पार करना होता है। पगडंडियों और सीढ़ियों के सहारे मंदिर तक पहुंचा जाता है। यात्रा के दौरान भगवान शिव के जयकारे गूंजते रहते हैं और रास्ते में श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई है।
मध्य प्रदेश के अमरनाथ : सुरक्षा और व्यवस्था
मेला अवधि के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। करीब 1000 सुरक्षा कर्मचारी, जिसमें पुलिस बल, होमगार्ड, आपदा मित्र और एसडीईआरएफ के जवान शामिल हैं, तैनात किए गए हैं। स्लीपर कोच बसों के पचमढ़ी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और मार्ग में साइन बोर्ड लगाए गए हैं ताकि श्रद्धालु भटकें नहीं।
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मध्य प्रदेश के अमरनाथ : यात्रा की चुनौतियाँ
मध्य प्रदेश के अमरनाथ : नागद्वार का रास्ता सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में आता है, जहाँ प्रवेश वर्जित होता है। इस कारण यह यात्रा बहुत कठिन और रोमांचक होती है। बारिश के मौसम में फिसलन भरी ढलानों और बहते पानी को पार करना एक बड़ी चुनौती होती है। रास्ते में एक चूक श्रद्धालु को गहरी खाई में गिरने का खतरा हो सकता है, इसलिए हर कदम बहुत संभलकर उठाना पड़ता है।
मध्य प्रदेश के अमरनाथ : प्रशासन की तैयारियाँ
जिला प्रशासन ने मेले की तैयारियों के लिए जून महीने से ही तैयारी शुरू कर दी थी। अधिकारियों ने यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया और लैंड स्लाइड जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाटर प्रूफ टेंट, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम किया गया है।
नागद्वार यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी है। इसे सुरक्षित और सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए प्रशासन और श्रद्धालुओं, दोनों की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है।