
सरकारी अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण
monthly allowance to mosque imam: कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को अपना बजट पेश किया। इसमें सरकार ने मुसलमानों के लिए करीब 4700 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया है। इससे राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
बजट में मस्जिद के इमाम को मासिक भत्ते के लिए 6,000 करोड़ रुपये, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़ रुपये, उर्दू स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, मुस्लिम समुदाय के लिए लोक निर्माण विभाग में 4% ठेके आरक्षित करने की घोषणा की गई है।
औरंगजेब से प्रेरित बजट: भाजपा
भाजपा प्रवक्ता अनिल एंटनी ने कहा, ‘यह बजट उनके नए आइकन औरंगजेब से प्रेरित लगता है। कांग्रेस मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग की तरह बन रही है।
कर्नाटक सरकार कांग्रेस के तुष्टिकरण का पोस्टर बॉय बनती जा रही है। एंटनी ने पूछा कि क्या कर्नाटक में अल्पसंख्यक समुदाय का मतलब केवल मुसलमानों से है।
कर्नाटक भाजपा ने एक्स पोस्ट किया और कर्नाटक सरकार के बजट को हलाल बजट करार दिया। भाजपा ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी को बजट से कुछ भी नहीं मिला है।
कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है: अमित मालवीय
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पोस्ट में लिखा, ‘आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता. कांग्रेस की यह साजिश देश में सफल नहीं होगी।
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पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार भी इसी नीति पर काम कर रही है। इस बजट से एससी, एसटी और ओबीसी को कमजोर किया जा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने नौ दिसंबर 2006 को कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, महिलाओं और पिछड़ों का होना चाहिए।
बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया पर शेयर किया नारियल
monthly allowance to mosque imam: भाजपा सांसद पीसी मोहन ने सोशल मीडिया पर मुसलमानों के लिए बजट प्रावधानों की एक सूची के साथ नारियल के छिलकों की एक तस्वीर साझा की। इसके जरिए वे दिखाना चाहते हैं कि हिंदू समुदाय को कुछ नहीं मिला है।