mizoram delhi train: एक सपना जो अब हकीकत बन चुका है

खुशी, गर्व, आंसू… और एक गहरी सांस की तरह उम्मीद।
मिजोरम के लोगों के लिए 13 सितंबर 2025 सिर्फ एक तारीख नहीं थी ये वो दिन था जब उनकी ज़मीन, उनके सपने और उनकी पहचान, भारत की राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम की पहली रेल लाइन बैराबी-सायरंग का उद्घाटन किया, जो 51 किलोमीटर लंबा है और दिल्ली, गुवाहाटी, कोलकाता से सीधा रेल संपर्क बनाता है।
ये सिर्फ रेलवे लाइन नहीं है। ये एक पुल है सपनों से हकीकत तक का।
रेल की पटरी पर दौड़ती ये ट्रेन सिर्फ कोच और इंजन की बात नहीं है ये सपनों की गाड़ी है। मिजोरम की धरती से दिल्ली तक सीधी राह बनाना एक तकनीकी चमत्कार से कहीं ज्यादा, एक भावनात्मक जीत है। जिस मिजोरम को कभी दूरदराज़ मानकर अनदेखा कर दिया गया था, अब वही मिजोरम देश की फ्रंटलाइन पर खड़ा है।
1. 45 सुरंगों और 114 मीटर ऊंचे ब्रिज से गुजरती है ये रेल लाइन
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की भौगोलिक चुनौतियां किसी से छिपी नहीं हैं। ऊँचे-नीचे पहाड़, घने जंगल, और संकरे रास्ते। लेकिन इस बार इंजीनियरों ने नामुमकिन को मुमकिन बना दिया। बैराबी से सायरंग तक 51 किलोमीटर की रेल लाइन में 45 सुरंगें, 88 छोटे, और 55 बड़े पुल शामिल हैं।
सबसे अद्भुत है 114 मीटर ऊंचा ब्रिज, जो कुतुबमीनार (72 मीटर) से भी ऊंचा है। भारत में यह देश का दूसरा सबसे ऊंचा रेल पियर ब्रिज है।इसे देखकर आपको सिर्फ इंजीनियरिंग पर नहीं, अपने देश पर गर्व होगा।

2. मिजोरम पहली बार दिल्ली से सीधे जुड़ा 2510 KM की ऐतिहासिक यात्रा
इस रेलवे लाइन के ज़रिए मिजोरम के लोग अब पहली बार दिल्ली तक सीधी ट्रेन यात्रा कर पाएंगे। सायरंग से आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) के बीच चलने वाली यह ट्रेन सप्ताह में एक बार चलेगी और 45 घंटे 30 मिनट में 2510 किमी की दूरी तय करेगी।
अब एक मिज़ो छात्र, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता है साल में सिर्फ एक बार घर जाने का सपना नहीं देखेगा, बल्कि हर छुट्टी में घर लौट सकेगा।
3. कोलकाता और गुवाहाटी से भी जुड़ाव, व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
- सायरंग-कोलकाता ट्रेन सप्ताह में 3 बार चलेगी और 1530 किमी की दूरी 31 घंटे में तय करेगी।
- सायरंग-गुवाहाटी ट्रेन हर दोपहर 12:30 बजे चलेगी और रात 2:30 बजे पहुंचेगी।
इसके साथ-साथ मालगाड़ियों की सुविधा से मिजोरम के बांस, हैंडीक्राफ्ट, और ऑर्गेनिक उत्पाद अब देश के हर कोने में पहुंच सकेंगे।
4. मिजोरम के लिए ये सिर्फ रेल नहीं, एक नई पहचान है
उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा
“ये सिर्फ रेल कनेक्टिविटी नहीं है, ये बदलाव की जीवनरेखा है।”
इस वाक्य में बहुत कुछ छिपा है। मिजोरम जैसे राज्य, जिन्हें अक्सर नक्शे के एक कोने में रख दिया जाता है, अब भारत के केंद्र से जुड़ रहे हैं न सिर्फ रेलवे से, बल्कि सम्मान और भागीदारी से।
5. युवाओं के लिए नए अवसर, स्टार्टअप्स के लिए नई उड़ान
पीएम मोदी ने बताया कि मिजोरम में 4500 से ज्यादा स्टार्टअप्स और 25 इनक्यूबेटर्स काम कर रहे हैं। अब इन सबको भारत के बड़े बाजारों से जोड़ने की शुरुआत हो चुकी है। युवाओं को अब अपने राज्य से बाहर जाकर नौकरी ढूंढ़ने की मजबूरी नहीं होगी। अब अवसर उनके दरवाजे तक आएंगे।
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