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पंकज त्रिपाठी का रोल कम; गुड्डू पंडित फिर से प्रभावी है
Mirzapur season 3 review : मिर्जापुर का तीसरा सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर प्रसारित किया गया है। दिव्या मराठी ने इस 9 पार्ट की क्राइम थ्रिलर सीरीज को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है।
सीरिज की कहानी क्या है?
कहानी पिछले सीज़न के अंत में शुरू होती है। गुड्डू पंडित ने मुन्ना त्रिपाठी की हत्या कर कालिन भैया को हटाकर खुद को मिर्जापुर का बाहुबली घोषित कर दिया है। अब वह पूर्वांचल की गद्दी पर बैठना चाहते हैं, लेकिन उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा जौनपुर के शरद शुक्ल और पश्चिम के कुछ बाहुबली हैं। दूसरी तरफ कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) कहां है, किसी को नहीं पता।
लेडी डॉन गोलू श्वेता त्रिपाठी पहले से ज्यादा आक्रामक है। वह गुड्डू पंडित का दाहिना हाथ बन जाती है और उसका समर्थन करती है। उधर, जौनपुर का बाहुबली बशरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) गुड्डू को हटाकर मिर्जापुर की गद्दी पर कब्जा करना चाहता है। इसके लिए वह राज्य की मुख्यमंत्री माधुरी यादव (ईशा तलवार) को अपना साथी बनाता है।
माधुरी यादव बाहुबली को राज्य से खत्म करना चाहती हैं, इसलिए वह बाहुबली को अपना हथियार बनाती हैं। जेपी यादव भी सीजन के बीच में प्रवेश करते हैं।
हालांकि इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि कालीन भैया कहां हैं। कलिन भैया श्रृंखला के बीच में मौत के जबड़े से निकलते हैं। शरद शुक्ला ने उनकी जान बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। कहानी में कालीन भैया का क्या रोल होगा यह जानने के लिए अब आपको शो देखना होगा।
स्टार कास्ट का प्रदर्शन कैसा है?
इस बार भी गुड्डू पंडित की भूमिका बहुत प्रभावी और शक्तिशाली है। अली फजल ने एक बार फिर बाहुबली के रोल में बेहतरीन अभिनय किया है। पहले सीजन में भोली-भाली कॉलेज स्टूडेंट गोलू उर्फ श्वेता त्रिपाठी अब तीसरे सीजन में लेडी डॉन बन चुकी हैं। उसे अपने शत्रुओं पर कोई दया नहीं थी।
शरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) के इस सीजन में ज्यादा स्क्रीन टाइम है। एक तरह से वह दूसरे लीड रोल में हैं। उन्होंने भी बहुत अच्छा काम किया है। पंकज त्रिपाठी जो शो की आत्मा थे, उनके रोल में काफी कमी की गई है और उन्हें काफी कमजोर भी दिखाया गया है। हालांकि, उन्होंने अपने पास मौजूद स्पेस को भुनाने की कोशिश की है। पिछले कुछ एपिसोड ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आगामी सीजन काली भैया के इर्द-गिर्द घूमेगा।
कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी (रसिका दुग्गल) की भूमिका भी प्रभावशाली है। सीएम माधुरी यादव के रूप में ईशा तलवार शांत लेकिन स्मार्ट दिखती हैं। छोटे त्यागी के रूप में विजय वर्मा की भूमिका भी सभ्य है, लेकिन दूसरे सीज़न की तरह मजेदार नहीं है। हालांकि इस बार विजय का किरदार अपने साथ एक सीक्रेट रखता है।