
किसी को मोक्ष की आस है, किसी को आध्यात्मिक यात्रा पर
महाकुंभ 2025 आज से पॉश पूनम के मौके पर शुरू हो गया है। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में भाग लेने के लिए भारत के लोगों सहित विदेशी श्रद्धालु एकत्र हुए हैं। रूस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इटली, जर्मनी, अर्जेंटीना सहित कई देशों के श्रद्धालुओं ने ‘हर हर गंगे’ के स्वर के साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाई।
प्रथम अमृत स्नान में भाग लेना एक अद्भुत अनुभूति: भक्त
ठंड के मौसम में पानी जमने के बावजूद विदेशी श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। त्रिवेणी संगम पर मुक्ति की तलाश में पहली बार भारत आए ब्राजील के श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने कहा, ‘पहले अमृत स्नान में हिस्सा लेना अद्भुत अहसास है। मैं पहली बार भारत आया हूं, मैं योग का अभ्यास करता हूं और मुक्ति की तलाश में हूं। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। भारत विश्व का आध्यात्मिक हृदय है। गंगा का पानी बहुत ठंडा था, लेकिन डुबकी लगाने के बाद मेरा दिल गर्मजोशी से भर गया।
डुबकी लगाने के बाद बहुत भाग्यशाली महसूस करना
स्पेन के एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, ‘गंगा में डुबकी लगाने के बाद मैं बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल से हमारे यहां बहुत सारे दोस्त हैं … हम एक आध्यात्मिक यात्रा पर हैं।
सभी को अपनी जमीन और संस्कृति से जुड़े रहना चाहिए
एक अन्य श्रद्धालु जितेश प्रभाकर भी अपनी जर्मन पत्नी सास्किया नोफ और नवजात शिशु आदित्य के साथ नहाने के लिए सुबह मेले में पहुंचे। उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं भारत में रहता हूं या विदेश में। तथ्य यह है कि व्यक्ति को अपने देश और संस्कृति से जुड़ा रहना चाहिए। मैं हर दिन योगासन करता हूं। सभी को अपनी भूमि और संस्कृति से जुड़ा रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर यात्रा करने का प्रयास करना चाहिए।

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन से प्रयागराज आए एक श्रद्धालु ने कहा, ‘यह बहुत सुंदर है। यहां की सड़कें साफ-सुथरी हैं, लोग बहुत मिलनसार और खुश हैं… हम सनातन धर्म का पालन करते हैं…’।
सुरक्षा के इंतजाम किए
महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ), पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीमें भी मौजूद रहती हैं। यातायात पुलिस ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की सुगम आवाजाही और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है।

आपात स्थिति से बचने के लिए त्रिवेणी में अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग बनाए गए हैं। ट्रैफिक प्लान के मुताबिक संगम मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का प्रवेश जवाहरलाल नेहरू मार्ग (ब्लैक रोड) से होगा, जबकि निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग से होगा।