Maa Kalika Temple Satna: मध्यप्रदेश के सतना जिले के पास स्थित भटनवारा गांव जहां मां कालिका की भव्य और चमत्कारी प्रतिमा विराजमान है। यह मंदिर काफी पुराना हैं, यहां भक्त दूर – दूर से मातारानी के दर्शन करने आते हैं।
कई साल पुराना है ये मंदिर..
स्थानीय निवासी बताते हैं कि यह मंदिर करीब 700 से 800 साल पुराना है। और इसका इतिहास मौर्य काल से जुड़ा हुआ है। तब से ही इस मंदिर को आस्था का केद्र माना जाता है।
दिन में 3 बार रुप बदलती हैं मां कालिका…
स्थानीय निवासी बताते है कि माता रानी दिन में 3 बार अपना स्वरुप बदलती है। उनके चेहते के हाव- भाव बदलते रहते हैं, सुबह मां कालिका का चेहरा एक दम शांत और सौम्य नजर आता है। और दोपहर के समय में मां कालिका के चेहरे पर तेज नजर आता है। शाम के समय मां का स्वरुपा करुणा और ममता से भरा दिखाई देता है।

इस मंदिर में घट चुकी दिव्य घटनाएं…
गांव के बुजुर्ग बताते है कि इस मंदिर में कई आश्चर्यजनक चीजे हुई है, एक घटना साल 1974 में हुई थी, मां कालिका के चेहरे से अचानक पसीना निकलने लगा था, जिसे उस समय के लोगों ने देखा था।
ऐसे ही 2004 में मां के मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया था। इसी बीच वहां कोई भूल हो गई, जिससे मां का सिर अचानक हिलने लगा। फिर जब गलती सुधार की तब जाकर माता शांत हुईं।
कैसे हुई प्रतिमा की उत्पत्ति…
स्थानीय लोककथाओं के अनुसार मां कालिका की प्रतिमा करारी नदी के किनारे मिली थी। बताया जाता है कि कुछ चोर इस प्रतिमा को चोरी करके ले जा रहे थे लेकिन ज्यादा दूर तक नहीं जा पाए और रास्ते में ही मां को छोड़ना पड़ा। फिर माता ने एक भक्त को सपने में दर्शन दिए, जिसके बाद राजा ने मंदिर बनावया और प्रतिमा की स्थापना की।

सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना होती है पूरी…
मां कालिका के दरबार में हर साल नवरात्रि के दौरान हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई हर प्रार्थना पूरी होती है। मंदिर परिसर घंटियों की गूंज, भक्ति गीतों और ‘जय माता दी’ के जयकारों से भक्तिमय हो जाता है।
