वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने नये कार्यकाल के पहले बजट भाषण में आयकर से जुड़े विवादों को
जल्द निपटाने के लिए एक स्कीम लाने के बारे में जानकारी दी थी और अब सेंट्रल ब्यूरो ऑफ डायरेक्ट टैक्सस
(CBDT) ने विवाद से विश्वास स्कीम 1 अक्टूबर से लागू करने की जानकारी दी है |CBDT ने डायरेक्ट टैक्स से जुड़े विवाद निपटाने के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 (DTVSV) को 1 अक्टूबर, 2024 से लागू करने की घोषणा की है | इस स्कीम के तहत आयकर के विवादों को निपटाने के लिए यह स्कीम पेश की गई है | इस स्कीम के माध्यम से आयकर से जुड़े सारे अनसुलझे मामलाओं का तेजी से निपटारा किया जायेगा |
Read More- आने वाला है सबसे बड़ा आईपीओ, हुंडई जुटाएगी 25,000 करोड़ रुपये
किन आयकर धाराकों को होगा फायदा ?
केंद्र सरकार के अधीन CBDT की विवाद से विश्वास स्कीम के तहत आयकर से जुड़े विवादों के समाधान का आसान
एवं सरल मौका आयकरधाराकों को मिलेगा | इस स्कीम से जुड़े सभी नियमों को लेकर अध्यादेश जारी कर दिया
गया है इससे उन आयकरधाराकों को सबसे ज़्यादा फायदा होगा जो 31 दिसंबर 2024 तक सामने आएंगे और उन्हें
अधिकतम सेटलमेंट राशि मिलेगी जबकि इस नियत तिथि के बाद फाईलिंग करने वालों को कम सेटलमेंट राशि
मिलेगी |
Read More- शेयर बाजार लगातार 7वें दिन ऑल टाइम हाई पर, IT शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी
सरकार की उम्मीद
इस स्कीम से सरकार यह उम्मीद कर रही है की उन लोगों को राहत प्रदान की जाये जिनके आयकर देनदारी को लेकर
कई विवाद हैँ और जिनके आयकर विवाद न्यायालयों में लंबित हैँ जैसे सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, इनकम टैक्स अपील
ट्रिब्यूनल, कमिश्नर अपील, जॉइंट कमिश्नर अपील | सरकार को इस स्कीम से 2.7 करोड़ के डायरेक्ट टैक्स के
समाधान का अनुमान है जिनसे कुल रु 35 लाख करोड़ की टैक्स रिकवरी की आशा है | जल्द मामलों के निपटान के
लिए CBDT ने इस स्कीम के तहत 4 फॉर्म जारी किये हैँ.
फॉर्म 1 – इसमें आयकरदाता डिक्लेरेशन फ़ाइल और अंडरटेकिंग देंगे
फॉर्म 2 – यह अथॉरिटी द्वारा जारी किये जाने वाले प्रमाण पत्र के लिए होगा
फॉर्म 3 – आयकरदाता इस फॉर्म के माध्यम से पेमेंट की जानकारी देंगे
फॉर्म 4 – अथॉरिटी द्वारा टैक्स एरियर्स के फुल – फाइनल सेटलमेंट की जानकारी दी जाएगी
फॉर्म 1 हुए फॉर्म 3 की महत्ता –
इस स्कीम के तहत फॉर्म 1 में आय कर से जुड़े हर विवाद के लिए अलग अलग भरना होगा और फॉर्म 3 में आयकर
दाता पेमेंट की सारी जानकारी देंगे | इसमें अपील, आपत्ति, आवेदन, रिट पेटिशन, या दावे को वापस लेने के
प्रमाण के साथ अथॉरिटी को देना होगा | फॉर्म 1 और फॉर्म 3 को आयकरदाता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत
किया जायेगा और ये फॉर्म्स इनकम टैक्स विभाग के E-Filing portal ( www.incometax.gov.in ) पर उपलब्ध होंगे
Direct tax v/s Indirect tax
डायरेक्ट टैक्स मतलब आसान भाषा में इनकम टैक्स, भारत में हर वो व्यक्ति को इनकम टैक्स द्वारा जारी किये
लिमिट में आता है उसे उस लिमिट के अनुसार इनकम टैक्स देना होता है और इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है वहीँ
इनडायरेक्ट टैक्स का आसान मतलब माने GST ( वस्तु एवं सेवा कर ) यानी हम जो भी सामान या सेवाओं का
इस्तेमाल करते हैँ उस पर जो टैक्स देना होता है वह GST कहलाता है |