Kerwa Dam bridge slab collapse Bhopal :भोपाल के केरवा डैम के ब्रिज का स्लैब अचानक गिर गया, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। यह गेट नंबर 8 के ऊपर बना था। हालांकि, इससे कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए आने-जाने वालों को रोक दिया गया है। क्योंकि इसके माध्यम से कई गांवों के लोग रोजाना गुजरते हैं। जिससे बड़ा हादसा टल गया।
केरवा डैम और जल आपूर्ति
केरवा डैम भोपाल क्षेत्र के लिए जल आपूर्ति का एक प्रमुख स्रोत है। इसी डैम से पानी कोलार क्षेत्र में सप्लाई होता है, जो राजधानी का एक महत्वपूर्ण इलाका है। कोलार डैम से करीब 40% लोगों की जल आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है। क्षेत्र की बढ़ती आबादी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केरवा और कोलार डैम से पानी की आपूर्ति लगातार बढ़ाई जा रही है।

ब्रिज गिरने से हुए नजदीकी खतरे
यह ब्रिज कई गांवों को जोड़ता है और इसका टूटना आवागमन में बाधा के साथ-साथ जल आपूर्ति को भी प्रभावित कर सकता है। प्रशासन ने घटना के बाद इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और ब्रिज की मरम्मत के लिए तुरंत कार्य शुरू कर दिया गया है।
इस बार डैम पूरा नहीं भराया
इस बार डैम पूरा नहीं भरा है। कोलार, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट कई बार खुल चुके थे, लेकिन केरवा के गेट एक बार भी नहीं खोले गए। ब्रिज का एक हिस्सा टूटने के बावजूद लोगों का यहां आना-जाना बना हुआ है। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
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50 साल पुराना है केरवा डैम
केरवा डैम का निर्माण भदभदा डैम से पहले हुआ था। भदभदा डैम साल 1965 में बना था। इस हिसाब से करीब 50 साल पुराना बताया जा रहा है। केरवा डैम से भोपाल के कोलार इलाके में पानी की सप्लाई होती है।

भविष्य की योजना और सुधार
जल संसाधन विभाग और लोक निर्माण विभाग ने मिलकर इस ब्रिज की मरम्मत तथा मजबूत निर्माण की योजना बनाई है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए नियमित निरीक्षण बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डैम की क्षमता बढ़ाने और नई पाइपलाइन योजना पर काम किया जा रहा है।
भोपाल में केरवा डैम के ब्रिज का स्लैब गिरने की घटना ने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है, लेकिन समय रहते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा प्रबंधों ने स्थिति को नियंत्रित किया है। इस डैम से कोलार क्षेत्र में जल आपूर्ति होती है, जो शहर के लिए जीवनदायिनी है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने और बेहतर सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
