बालाघाट जिला कलेक्टर कार्यालय में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया, जब बिरसा से आया एक परिवार ने अचानक हंगामा मचाते हुए अपने उपर केरोसीन डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। गनीमत यह रही कि वहां उपस्थित कर्मचारियों द्वारा उसे ऐसा करने से रोक दिया गया। अन्यथा एक बड़ी घटना घटित हो जाती।
यह परिवार बिरसा के वार्ड नंबर 21 का रहने वाला है। जहां परिवार को मुखिया अज्जू मेंश्राम पानठेला चलाकर अपने परिवार को भरण-पोषण करता था। लेकिन कुछ दिन पूर्व गांव के कुछ लोगों ने जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से उसके पानठेले को उठवा दिया और अब तक उसे पानठेला वापस नही किया। उक्त मामले की पीड़ित ने पुलिस से लेकर जनसुनवाई तक शिकायत भी की है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दोषियो के खिलाफ ना तो कोई कार्रवाई की और ना ही दंबगो के कब्जे से उसका पानठेला वापस दिलवाया। जिसके चलते अज्जू मेश्राम परेशान रहता था और उसकी रोजी-रोटी भी छीन गई थी। दंबगो की प्रताड़ना से दंग आकर अज्जू मेश्राम व उसके परिवार ने जनसुनवाई में केरोसील लेकर एंट्री मारी और अपने ऊपर केरोसीन डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। इससे पहले कि वह व्यक्ति जेब से माचिस निकालकर आग लगता, उससे पहले ही कलेक्टर कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी व पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया और उसे समझाईश दी। वहीं मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। जहां पुलिस ने उस परिवार को गाड़ी में बैठकर थाने ले गई। इस दौरान अज्जू मेश्राम के साथ पिता ज्ञानीदास मेश्राम, माँ दानीकला मेश्राम, पत्नी और उनका बच्चा भी आया था।
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