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केरल में पुलिस ने 12 किमी किया पीछा
केरल के त्रिशूर में एक गिरोह ने महज 90 मिनट में तीन एटीएम से करीब 10,000 रुपये छीन लिए। 70 लाख लूट लिए गए। लूट के बाद ये लोग दो ग्रुप में भाग गए, लेकिन 7 घंटे के अंदर ही केरल और तमिलनाडु पुलिस ने फिल्मी अंदाज में लूट की रकम वाले गिरोह को पकड़ लिया।
हरियाणा का यह गिरोह सबसे पहले त्रिशूर के एमपीरानम स्थित एक एटीएम से 35 लाख रुपये लूटने वाला था। इसके बाद वे शोरनूर रोड स्थित एसबीआई एटीएम पहुंचे, जहां से उन्होंने 9.5 लाख रुपये लूटे। तीसरी लूट एसबीआई की कोलाजी शाखा के एटीएम में हुई। जहां से 25 लाख रुपये लूटे गए।
पूरी घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू कंटेनर में छिपाई गई कार थी। जिसमें दो आरोपी भी छुपे हुए बैठे थे। पुलिस को भी इस बारे में तब पता चला जब वे कंटेनर को थाने ले जा रहे थे। शुक्रवार तड़के 2.30 से 4 बजे के बीच तीन एटीएम से निकले गिरोह ने केरल के त्रिशूर के मापरानाम, कोलाजी और शोरानूर में 70 लाख रुपये लूट लिए। इन लोगों ने गैस कटर से एटीएम काट दिया। सीसीटीवी से जांच रोकने के लिए कैमरे पर स्प्रे पेंट लगाया गया था। वे एक बैग में पैसे छोड़कर भाग गए थे।
त्रिशूर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर डकैतों की कार की पहचान करने के लिए वाहनों की जांच शुरू कर दी। एक कंटेनर राजस्थान का नंबर था। ट्रक को रोका गया तो उसमें दो लोग, एक क्रेटा एसयूवी और रुपयों से भरा बैग मिला। एक व्यक्ति ने कंटेनर चला रहे व्यक्ति को पैसे लेकर भागने के लिए कहा। दोनों ने पुलिस पर हमला कर दिया। उन्हें भागने से रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी। गाड़ी चला रहे व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दूसरे आरोपी के पैर में गोली लगी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पांच पुलिस हिरासत में हैं। आरोपियों द्वारा चलाई गई गोलियों में दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
हरियाणा के पलवल से गिरोह के सदस्य गिरफ्तार
तमिलनाडु-केरल पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार सभी आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं। जिस कंटेनर ट्रक को जब्त किया गया है, वह राजस्थान का है। इसे बेंगलुरु से किराए पर लिया गया था।
3 राज्यों में लूटे गए एटीएम, हर जगह एक ही फॉर्मूला
पुलिस ने बताया कि लूट की इसी तरह की घटनाएं तिरुवल्लूर, आंध्र प्रदेश और हैदराबाद में भी हुईं। उनकी रणनीति हमेशा एक जैसी रही। गिरोह सुबह-सुबह काम को अंजाम देता था। कई बार वे अपने साथ एटीएम भी ले जाते थे और बाद में सूने इलाकों में उन्हें तोड़ देते थे।