Kawad Yatra News 2024: कावड़ यात्रा हर साल निकाली जाती हैं. इस यात्रा के लिए यूपी से लेकर कई प्रदेशों में हर साल पुलिस-प्रशासन के नए नियम बना देते हैं, जिससे कावड़ यात्रा अच्छी तरह से संपन्न हो सके।इस धार्मिक यात्रा में लोग श्रद्धा से कहीं अच्छी व्यवस्था करते हैं कावड़ यात्रियों के रुकने-खाने और उनकी सेवा करने के लिए कैम्प लगाए जाते हैं। हिन्दू धर्म में इसे पुण्य का काम माना जाता हैं
Read More- Latest CG Weather News: छत्तीसगढ़ के 19 जिलों में जल का “जलजला’
योगी आदित्यनाथ का नया कानून
कावड़ यात्रा को लेकर इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ ने नया कानून सामने आया हैं जिसमें यात्रा के रास्ते पर हर दुकान और ठेले पर उसके मालिक का नाम होना अनिवार्य हैं जिससे पता चल सके कि दुकान का मालिक कौन है हालांकि ये फैसला तत्काल नहीं लिया गया, फैसले को लेने के लिए कई मीटिंग और कमेटी बनाई गई. उसको बाद फैसले पर अमल किया गया. सरकार के फैसले लेते ही उस पर राजनीति शुरू हुई और राजनीतिक दल के लोगों ने बयानबाजी की.
Read More- MP Latest News: मध्य प्रदेश में दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखने की मांग
योगी का नया कानून रद्द
जब ये मामला देश के सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के फैसले को न्यायसंगत न मानते हुए रद्द कर दिया.सरकारों के कुछ फैसले सही होते हैं तो कुछ गलत… खैर छोड़ो गुरु अपन बात करते हैं अभी कावड़ यात्रा कीमेरा यह मानना हैं की कावड़ यात्रा में थोड़ा सरकार को और ऐक्टिव होना पड़ेगा. क्योंकि उसके पीछे का कारण हैं हर साल होने वाला कुछ न कुछ नुकसान चाहे वो सरकारी प्रॉपर्टी हो या प्राइवेट प्रॉपर्टी लेकिन नुकसान तो होता हैं.
कावडियों ने की तोड़फोड़
यात्रा में कहीं नोजवान अपनी ताकत दिखाते हैं तो कही गुस्सा क्योंकि वे जानते हैं की भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता हैं. लेकिन ये गलत हैं ऐसा ही एक मामला आया हैं मुजज़फ़रनगर से जहां कावडियों ने एक कार को पूरी तरह से तोड़ दिया और फिर ड्राइवर को भी मारा. जब वो अपनी जान बचाने ढाबे में छुपा तो वहाँ भी तोड़फोड़ कर दी.हैरानी की बात यह है कि ये सब पुलिस के सामने होता रहा, पुलिस ने रोकने की कोशिश भी की तो ये लोग उनसे भी उलझ गए, किसी को भी कानून का डर नहीं था. हंगामे में ड्राइवर घायल हो गया और उसकी कार पूरी तरह से तबाह, ढाबे का पूरा फर्नीचर टूट गया, एक बाइक को तोड़ दिया लेकिन हमलावरों पर कोई कार्यवाई नहीं हुई.
आखिर कब तक ऐसा नुकसान होता रहेगा, क्या सरकारों के पास इसके कोई नियम कानून है क्या आरोपियों को खुलेआम गुंडागर्दी करने छूट मिलती रहेगी और कावड़ यात्रा के साथ हिंसा चलती रहेगी. इसे जिम्मेदार संभालेंगे या भोलेनाथ पर ही छोड़ देंगे.
बोलो जय भोलेनाथ की