
जानिए इसकी पौराणिक कथा और यात्रा विवरण
Kartik Swami Temple: उत्तराखंड की देवभूमि में हर मंदिर एक अलग पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व रखता है। ऐसे ही एक मंदिर का नाम है कार्तिक स्वामी मंदिर, जो रुद्रप्रयाग जिले के कनकचौरी गांव के पास एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर को लेकर रोचक पौराणिक कथाएं हैं और यहां से हिमालय की मनमोहक पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य देखे जा सकते हैं।
कार्तिक स्वामी मंदिर का महत्व
कार्तिक स्वामी मंदिर भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है, और इसे उत्तराखंड में कार्तिकेय का एकमात्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर क्रोंच पर्वत की चोटी पर स्थित है, जहां से हिमालय के दर्शन भी होते हैं। इसे कार्तिक मुरुगन स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, जो दक्षिण भारत में प्रसिद्ध हैं।
भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित ‘कार्तिक स्वामी मंदिर’ रुद्रप्रयाग जनपद में क्रोंच पर्वत शिखर पर स्थित है। यह मंदिर क्षेत्र विहंगम प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण है, जहां से हिमालय की मनोरम पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन भी होते हैं। pic.twitter.com/YMRiy0zyIA
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 25, 2025
Kartik Swami Temple: पौराणिक कथा
कार्तिक स्वामी मंदिर से जुड़ी एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार, भगवान शिव ने एक बार अपने दोनों पुत्रों कार्तिकेय और गणेश से ब्रह्मांड की सात परिक्रमा करने को कहा था। शर्त यह थी कि जो सबसे पहले परिक्रमा पूरी करेगा, उसे पहले पूजे जाने का वरदान मिलेगा।
कार्तिकेय ने ब्रह्मांड की परिक्रमा शुरू की, लेकिन गणेश ने भगवान शिव और माता पार्वती के चारों ओर परिक्रमा करते हुए कहा कि “आप ही मेरे लिए ब्रह्मांड हैं, और मेरी परिक्रमा पूरी हो गई।” इस पर भगवान शिव ने गणेश को पहले पूजे जाने का वरदान दिया।
जब कार्तिकेय वापस आए और यह देखा कि गणेश को पहले पूजे जाने का वरदान मिल गया, तो वे क्रोधित हो गए और भगवान शिव को श्रद्धा के रूप में अपनी हड्डियां अर्पित कर दीं। यही कारण है कि कार्तिक स्वामी मंदिर में भगवान कार्तिकेय की हड्डियों की पूजा की जाती है।
कैसे पहुंचें कार्तिक स्वामी मंदिर?
कार्तिक स्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे पास का प्रमुख स्थान रुद्रप्रयाग है। रुद्रप्रयाग से कनकचौरी गांव तक टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। कनकचौरी गांव से मंदिर तक 3 किलोमीटर का ट्रेक है, जो हल्की चढ़ाई के साथ सुंदर दृश्य प्रदान करता है।
मंदिर तक पहुंचने के दो प्रमुख रास्ते हैं:
- ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर होते हुए रुद्रप्रयाग।
- रामनगर, रानीखेत, चौखुटिया, कर्णप्रयाग होते हुए रुद्रप्रयाग।
रुद्रप्रयाग से कार्तिक स्वामी मंदिर की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। यहां से टैक्सी किराए पर लेकर या शेयर्ड टैक्सी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मंदिर का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित ‘कार्तिक स्वामी मंदिर’ रुद्रप्रयाग जनपद में क्रोंच पर्वत शिखर पर स्थित है। यहां से हिमालय की मनोरम पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन होते हैं।”
उत्तराखंड का कार्तिक स्वामी मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके आसपास का प्राकृतिक दृश्य भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस मंदिर का पौराणिक महत्व और इसके उच्च शिखर से नजर आने वाले हिमालय के दृश्य इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं।
Kartik Swami Temple
आज की तेज़ रफ़्तार डिजिटल दुनिया में, विश्वसनीय, तथ्य-आधारित समाचारों से अपडेट रहना पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। नेशन मिरर एक अग्रणी समाचार प्लेटफ़ॉर्म है जो राजनीति, व्यवसाय, खेल, मनोरंजन, सनातन, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, देश की राजधानी दिल्ली, और तमाम राज्यों शहरो, विश्व से जुड़े मामलों और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सटीक, निष्पक्ष और गहन विश्लेषण प्रदान करता है।
चाहे आप ब्रेकिंग न्यूज़, खोजी पत्रकारिता या विशेषज्ञ की राय की तलाश कर रहे हों, नेशन मिरर सुनिश्चित करता है कि पाठकों को भरोसेमंद और व्यावहारिक सामग्री मिले।
नेशन मिरर क्यों चुनें?
- निष्पक्ष रिपोर्टिंग: ऐसी खबरें जो तथ्य-जांच की गई हों और राजनीतिक रूप से तटस्थ हों।
- रीयल-टाइम अपडेट: महत्वपूर्ण घटनाओं को उनके सामने आने के साथ ही कवर करना।
- विविध श्रेणियाँ: राजनीति, व्यवसाय, प्रौद्योगिकी, दुनिया और बहुत कुछ।
- खोजी पत्रकारिता: दबाव वाले मुद्दों पर गहन रिपोर्ट।
ताज़ा ब्रेकिंग न्यूज़ और हेडलाइंस
नेशन मिरर होमपेज पर दुनिया भर की ताज़ा घटनाओं से अपडेट रहें। होमपेज पर कई श्रेणियों में रीयल-टाइम न्यूज़ अपडेट की सुविधा है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आप कभी भी महत्वपूर्ण कहानियों से कभी न चूकें।